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शोर मचाते हैं विधाायक, नहीं बचाते मरीज की जान

locationअलवरPublished: Jan 17, 2020 10:03:30 pm

Submitted by:

Dharmendra Yadav

अस्पताल में मौत पर सियासत करने वाले 9 विधायकों ने पांच साल में नहीं दिया पैसा
 

शोर मचाते हैं विधाायक, नहीं बचाते मरीज की जान

शोर मचाते हैं विधाायक, नहीं बचाते मरीज की जान

जिला अस्पताल में केवल अलवर शहर व रामगढ़ विधायक ने करीब केवल पौने 7 लाख रुपए दिए

अलवर.

सरकारी अस्पतालों में मरीज की मौत होने पर सियासत करने वाले नेताओं को जनता से सरोकार नहीं है। तभी तो पिछले पांच सालों में जिले के तीनों बड़े अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए 11 में से केवल दो विधायकों ने ही थोड़ा बहुत बजट दिया है। यह राशि भी इतनी ही थी कि एक-दो एंबुलेंस खरीदने और कुछ हैलोजन लाइट लगाने में ही खर्च हो गई। नौ विधायकों ने तो जिला अस्पताल में शामिल सबसे बड़े राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय, जनाना अस्पताल व शिशु अस्पताल में विधायक निधि से कोई बजट ही नहीं दिया। जबकि अलवर जिला अस्पताल में जिले भर के मरीज आते हैं। यहां एक दिन में करीब ढाई से तीन हजार की ओपीडी रहती है। इतना जरूर है कि कुछ विधायकों ने अपने क्षेत्र के अस्पतालों पर थोड़ा बहुत बजट खर्च किया है। जिसमें एंबुलेंस, कमरा व चारदीवारी निर्माण भी शामिल है।
जिला अस्पताल को राशि देने वाले ये विधायक

2015 में शहर विधायक ने ऑपरेशन थिएटर के लिए चार हैलोजन लाइट लगाने के लिए 3.6 लाख रुपए दिए। 2015 में ही आईएमए हॉल से ट्रोमा सेन्टर तक चारदीवारी के लिए 1.01 लाख रुपए दिए। इसी तरह 2016 में रामगढ़ विधायक ने सामान्य अस्पताल में एंबुलेंस खरीदने को दिए 2.71 लाख रुपए हैं। इनके अलावा 2015 से 2019 तक किसी भी विधायक ने जिला अस्पताल को बजट नहीं दिया। ताकि यहां स्वास्थ्य सेवाओं में कुछ प्रयास किया जा सकता।
ये हैं दूसरे अस्पतालों के बजट देने वाले

वर्ष 2015 में रामगढ़ के पाटा में चिकित्सालय भवन निर्माण के लिए 10 लाख दिए। 2015 में ही राजगढ़ के धमरेड में प्राथमिक चिकित्सालय में चारदीवारी निर्माण को थानागाजी विधायक ने चार लाख रुपए दिए। 2016 में बहरोड़ के ग्राम ढिस में उप स्वास्थ्य केन्द्र निर्माण के लिए विधायक ने 4 लाख रुपए, 2016 में सैटेलाइट अस्पताल कालाकुआं में एंबुलेंस के्रय के लिए 4.26 लाख रुपए, 2017 में नारायणपुर उप स्वास्थ्य केन्द्र में एंबुलेंस के लिए बानसूर विधायक ने 4.26 लाख रुपए दिए। इसी तरह 2017 में ही बानसूर स्वास्थ्य केन्द्र में एंबुलेंस के लिए विधायक ने 4.26 लाख, 2017 में ही बानसूर के हरसौरा में उप स्वास्थ्य केन्द्र में एंबुलेंस के लिए 4.26 लाख रुपए, 2017 में बानसूर विधायक ने अजबपुरा स्वास्थ्य केन्द्र में कमरा निर्माण के लिए 3 लाख रुपए दिए। 2017 में पशु चिकित्सालय अलवर में टीनशेड निर्माण के लिए शहर विधायक ने 3 लाख रुपए का बजट दिया।
6 विधायकों ने अस्पतालों को कोई पैसा नहीं दिया

बानसूर, अलवर शहर, रामगढ़, रामगढ़ व थानागाजी के विधायकों के अलावा पिछले पांच साल में अन्य छह विधायकों ने स्वास्थ्य सेवाओं पर कोई पैसा ही नहीं दिया। सबसे अधिक बानसूर विधायक ने अपने क्षेत्र के अस्पतालों पर विधायक कोष का बजट खर्च किया। दूसरे नम्बर पर रामगढ़ विधायक और तीसरे नम्बर पर अलवर शहर विधायक ने अस्पतालों को विधायक निधि का बजट दिया है।
अब श्रम राज्य मंत्री व शहर विधायक ने वार्मर खरीद को दी राशि

श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली व शहर विधायक संजय शर्मा ने वर्ष 2020 में विधायक कोष से नए रेडियंट वार्मर की खरीद के लिए 5-5 लाख की राशि की अभिशंषा की है।
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