scriptमृतक की मां बोली, मेरे सामने लाओ छोटू को, पूछूंगी-मेरे बेटे ने तेरा क्या बिगाड़ा था | MUKESH'S FAMILY IS IN SHOCK | Patrika News

मृतक की मां बोली, मेरे सामने लाओ छोटू को, पूछूंगी-मेरे बेटे ने तेरा क्या बिगाड़ा था

locationअलवरPublished: Apr 02, 2018 08:26:48 am

Submitted by:

Prem Pathak

अलवर के खैरथल में व्यापारी की हत्या के मामले का खुलासा होने के बाद मृतक मुकेश के परिवार को सदमा लगा है।

MUKESH'S FAMILY IS IN SHOCK
मेरे सामने लाओ छोटू को। पूछूंगी-मेरे बेटे ने तेरा क्या बिगाड़ा था। नौकर की जरूरत नहीं होने पर भी हमने उसकी गरीबी पर तरस खाकर उसे नौकरी पर रखा, लेकिन उसने ही हमारी पीठ में खंजर घोंप दिया। ऐसे में कोई कैसे किसी पर विश्वास करेगा? छोटू तूने अच्छा नहीं किया। क्या कमी रह गई हमसे। बेटे की तरह रखा था। कम से कम छोटी-छोटी बच्चियों पर तो तरस खाया होता। जरा भी नहीं सोचा कि मुकेश के जाने के बाद उसकी बच्चियों का क्या होगा? बड़ी मासूम हैं मेरी बच्चियां। इतना कहते ही मुकेश की मां द्रोपदी की आंखों से अश्रुधारा बह निकली। उसने अपनी दोनों पोतियों योशिका व हैनी को कसकर सीने से चिपका लिया और घंटों इसी मुद्रा में रोती रहीं। उसे छोटू के ऐसा निकलने का भरोसा नहीं था। छोटू की गिरफ्तारी की खबर सुनने के बाद से मां द्रोपदी सहित मुकेश का पूरा परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था। पिता रविन्द्र कुमार ने बताया कि उनकी दुकान पर पहले ही जरूरत से ज्यादा नौकर थे। करीब डेढ़ साल पहले एक दूधिये की सिफारिश पर उन्होंने छोटू को नौकरी पर रखा था। छोटू के अक्सर नदारद रहने पर उन्होंने कुछ दिन बाद उसे नौकरी से हटा दिया था, लेकिन उसके बेटे को उसकी गरीबी पर तरस आ गया और उसने उसे फिर नौकरी पर रख लिया। वहीं नौकर उसके बेटे की जान का दुश्मन निकला।
अंकल, पापा के हत्यारों को फांसी मिलनी चाहिए

मुकेश के जाने का गम घर के एक कोने में सहमी-सिकुड़ी बैठी उसकी पत्नी की आंखों में साफ झलक रहा था। वह मुंह से तो कुछ नहीं बोल रही थी, लेकिन उसकी डबडबाई आंखें सारी कहानी कह रही थी। पति के जाने का गम क्या होता है, यह उसका हृदय ही बता सकता था। कभी वह अपनी नन्हीं बेटियों तो कभी अपने पति की तस्वीर को देख रही थी। मुकेश की बेटी योशिका व हैनी का हाल भी किसी से छिपा नहीं था। हैनी तो अभी नासमझ है, लेकिन योशिका सब समझती है। अपनी मां और दादी को रोते देख वह भी रोने लग जाती। तो कभी वह दादा-दादी का हौसला अफजाई करने लगती। बार-बार उसके मुंह से यह निकल रहा था कि अंकल, पापा के हत्यारों को फांसी मिलनी चाहिए। प्लीज आप कुछ ऐसा करो।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो