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महिला का नौकरी करना नहीं था पसंद, इसलिए दिनदहाड़े तलवार से काट दिया गला

locationअलवरPublished: Mar 16, 2018 10:32:45 am

Submitted by:

Prem Pathak

अलवर में दिनदहाड़े सडक़ पर बहू की तलवार से गर्दन काटने का कारण उसका नौकरी पर जाना था।

MURDER OF WOMEN FROM SWORD IN ALWAR
शाहजहांपुर कस्बे में गुरुवार सुबह घर से फैक्ट्री जा रही एक महिला पर उसके ही ताऊ ससुर ने तलवार से हमला कर दिया। ताऊ ससुर ने महिला की गर्दन व पीठ पर कई वार किए, जिससे महिला की मौत हो गई। घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर कस्बे के राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया। हत्या के बाद आरोपित फरार हो गया।
महिला का नौकरी करना नहीं था पसंद

पुलिस ने बताया कि महिला का ताऊ ससुर सनकी था। उसे घर की महिलाओं का बाहर नौकरी करना पसन्द नहीं था। वह ऊषा के फैक्ट्री में नौकरी पर जाने से बेहद खफा था। वह इसे समाज की आन-बान-शान के खिलाफ मानता था। वह अक्सर कहता भी था कि घर की महिलाएं बाहर नहीं जाती।
गर्दन पर वार से मौत

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला ऊषा की मौत का कारण गर्दन पर वार होना सामने आया है। शाहजहांपुर चिकित्सालय में महिला का पोस्टमार्टम डॉ. गजराज, डॉ. महेन्द्र व डॉ. अमृता ने किया। डॉ. गजराज ने बताया कि पोस्टमार्टम में महिला की गर्दन व उसके आस-पास तीन घाव मिले, जिनमें से एक घाव करीब तीन इंच गहरा था जिससे उसकी गर्दन कट गई और मौत हो गई।
टैम्पो चलाता था मामराज

घर की महिलाओं को काम पर बाहर नहीं भेजने का पक्षधर मामराज खुद कोई काम नहीं करता था। वह पहले भिवाड़ी में टैम्पो चलाता था। दो साल पहले वह काम छोडक़र घर आ गया। इसके बाद से वह ठाला बैठा था। कभी वह किसी की गाड़ी चलाने लग जाता तो कभी किसी कबाड़ी की दुकान पर काम करने लग जाता। उसकी एक कबाड़ी सत्यवीर से भी गहरी दोस्ती थी। वह ज्यादातर उसकी दुकान पर ही बैठा रहता था। गुरुवार को अपने ही घर की बहू पर तलवार से हमले के लिए भी वह इसकी कबाड़ी की दुकान पर छिपकर बैठा था। उधर, महिला ऊषा की पारिवारिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। घर व खेत में काम करने के बाद भी उसके परिवार का गुजारा नहीं चलता था। ऊषा के दो बच्चे हैं। पति एक सैटरिंग की दुकान पर मजदूरी करता है। एेसे में बच्चों का पेट भरने व घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए ऊषा प्लास्टिक का दाना बनाने वाली एक फैक्ट्री (विकास ग्लोबल कम्पनी) में काम करती थी, जो कि मामराज को नागवार थी।
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