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रविन्द्र उपाध्याय के गीतों पर मस्त हुआ अलवर

locationअलवरPublished: Nov 28, 2022 12:00:21 pm

Submitted by:

Jyoti Sharma

मत्स्य उत्सव के समापन पर सिटी पैलेस में हुई म्यूजिकल नाइट में गायक रविन्द्र उपाध्याय के गीतों पर अलवरवासी झूम उठे। यहां जब रविन्द्र उपाध्याय की टीम ने राजस्थानी और अंग्रेजी रिमिक्स गीत हमारे हिवडे में… देश पधारो सा गाया तो युवा डांस करते हुए झूम उठे।मत्स्य उत्सव के सबसे लोकप्रिय इस कार्यक्रम में हजारों लोग जुटे, जिसमें शहर के दूर-दराज से लोग आए।

रविन्द्र उपाध्याय के गीतों पर मस्त हुआ अलवर

रविन्द्र उपाध्याय के गीतों पर मस्त हुआ अलवर

मत्स्य उत्सव के समापन पर सिटी पैलेस में हुई म्यूजिकल नाइट में गायक रविन्द्र उपाध्याय के गीतों पर अलवरवासी झूम उठे। यहां जब रविन्द्र उपाध्याय की टीम ने राजस्थानी और अंग्रेजी रिमिक्स गीत हमारे हिवडे में… देश पधारो सा गाया तो युवा डांस करते हुए झूम उठे।मत्स्य उत्सव के सबसे लोकप्रिय इस कार्यक्रम में हजारों लोग जुटे, जिसमें शहर के दूर-दराज से लोग आए। यहां आने वालों में अधिक संख्या में युवा थे जिन्होंने मस्ती के अंदाज में इस कार्यक्रम को देखा और सुना। सिटी पैलेस में हुए कार्यक्रम में रविन्द्र उपाध्याय के गीतों को दर्शकों ने खूब पसंद किया।
——–संगीत दुनिया का सबसे सशक्त माध्यम

-रविन्द्र उपाध्याय से बातचीतगायक रविन्द्र उपाध्याय का कहना है कि संगीत दुनिया का सबसे सशक्त माध्यम है। जीवन में सुख हो या दुख सभी में संगीत जरूरी माना जाता है। देश भक्ति को जगाने में भी संगीत का सहारा लिया जाता है।
पत्रिका से बातचीत में रविन्द्र उपाध्याय ने कहा कि गायकी मेरा पैशन और सुरों से लोगों के जेहन में उतरना मेरा विजन है। मेरी एक ही ख्वाहिश रहती है कि भीड़ में भी लोग मेरी आवाज को पहचानें, उससे जुड़ें, उसे जीएं। मैं चाहता हूं कि मेरी गायकी लोगों के दिल की धड़कन बन जाए। संघर्ष के बाद जब सफलता मिलती है तो आपको बहुत कुछ ऐसा सिखा देती है, जो किताबों से नहीं सीखा जा सकता। मैं अपनी तमाम असफलताओं का शुक्रगुजार हूं, क्योंकि उनके कारण ही मुझे यह सुरों का खजाना मिल पाया।अलवर के लोग संगीत प्रेमी
उपाध्याय ने कहा कि अलवर के लोग संगीत के प्रेमी हैं। यहां इतने अधिक सुंदर पर्यटक स्थल हैं जिनको पहचान मिले तो अलवर देश भर में चमक सकता है। इसके लिए सभी को साथ लेकर चलना होगा। यहां के लोगों ने मुझे बहुत मान-सम्मान दिया है। मत्स्य उत्सव का कार्यक्रम शानदार रखा गया है।
कोशिश मुस्कराहट बांटने की

अपने प्रोफेशन के साथ-साथ रवींद्र सामाजिक कार्यों से भी जुड़े हुए हैं। वे कहते हैं कि मेरा मानना है कि ईश्वर ने यह जिंदगी अपने और अपनों की खुशियों के लिए ही नहीं, दूसरों की मदद करने के लिए भी दी है। यही कारण है कि अपने हुनर से मुंबई में कुछ एनजीओ से जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही सेव द चिल्ड्रन एनजीओ के लिए समय-समय पर लाइव प्रोग्राम करते हैं।
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