देश में अलवर प्याज से पहले सरसों की बेहतर पैदावार के लिए जाना जाता है। इस बार सरसों की बम्पर पैदावार होने की उम्मीद है। इस समय मौसम इस फसल के पूरी तरह अनुकूल है। अलवर जिले में 15 दिन बाद नई सरसों की प्रतिदिन एक लाख बोरी मंडियों में आने लगेगी। इस समय अलवर और खेरली मंडी में प्रतिदिन 500-500 बोरी आ रही है जिसके भाव गीले होने की वजह से कम है। इन दिनों 42 प्रतिशत कंडीशन तेल की सरसों के भाव तो 6500 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गए हैं। इस कीमत पर भी तेल मील वालों को सरसों नहीं मिल रही है और इस कीमत पर पड़ता भी नहीं खा रहा है। इसके चलते अलवर में सरसों की 110 तेल मीलों में से 96 बंद हो गई हैं। सभी तेल मील संचालकों को नई सरसों आने का इंतजार है। अलवर का कच्ची घानी सरसों तेल की कई राज्यों में बहुत मांग है जिसके भाव सरसों महंगा होनी से पड़ता नहीं खा रही है।
अच्छी होगी पैदावार- कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल सरसों की अलवर जिले में 2 लाख 75 हजार हैक्टेयर में बुवाई हुई थी जिसमें 5 लाख 55 हजार टन सरसों की पैदावार होगी। इस बार सरसों पहले से अधिक बोई है और इसमें किसी प्रकार का रोग नहीं है।
अब सरसों तेल भी सस्ता नहीं होगा इस साल सरसों की पैदावार बम्पर होने के बाद सरसों के भाव कम नहीं होंगे। केडल गंज व्यापारिक संचालन समिति के अध्यक्ष सुरेश जलालपुरिया कहते हैं कि कोरोना के बाद देश में सरसों तेल की खपत बढ़ी है, लोग रिफाइंड की बजाए सरसों तेल पर अधिक विश्वास करते हैं जिसके कारण इसकी मांग बढ़ी है तो इसके भाव अधिक कम नही होंगे। सरकार ने इसका समर्थन मूल्य ही 4650 रुपए प्रति क्विंटल रखा है। इसके चलते सरसों तेल भी सस्ता नहीं होगा।