नौगांवा कृषि कॉलेज बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक नरेश कुमार गोयल ने बताया कि नौगांवा कृषि विज्ञान केन्द्र को कृषि महाविद्यालय में क्रमोन्नत करने की मांग को लेकर पिछले दिनों यहां नौगांवा सहित चार कस्बे पूरी तरह सांकेतिक बंद रहे थे। इस केन्द्र को कृषि महाविद्यालय बनाने की मांग 1985 से लगातार की जा रही है। जिले में एक भी सरकारी कृषि महाविद्यालय नहीं है। यहां के लोगों की इस मांग पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। इस मांग को लेकर पूरे जिले में आंदोलन छेड़ा जाएगा। इसके लिए विभिन्न संगठन जन आंदोलन छेड़ा जाएगा।
नौगांवा के रामबाबू गुप्ता ने बताया कि रामगढ़ क्षेत्र को विकास के लिहाज से उपेक्षित रखा गया है। यदि जिले के जन प्रतिनिधियों ने इस और ध्यान नहीं दिया तो मतदान का भी बहिष्कार किया जा सकता है। खाद बीज विक्रेता संघ के सचिव पंकज जोशी का कहना है कि यह आंदोलन जिले का है जिसे जिला स्तर पर तेज किया जाएगा। जिले की आवश्यकता कृषि महाविद्यालय की है।
नौगांवा के देवेन्द्र जैन का कहना है कि सरकार ने कृषि अनुसंधान केन्द्र में चल रहे अखिल भारतीय राया सरसों अनुसंधान परियोजना ही बंद कर दी है।
यह परियोजना सरसों की 4 नवीन किस्म विकसित की है जबकि 75 नई किस्मों पर शोध कार्य किया है। नौगांवा में कृषि महाविद्यालय खोलने की सभी सुविधाएं हैं। उन्होंने बताया कि आगामी आंदोलन की रणनीति तैयार करने के लिए सभी जन संगठनों के पदाधिकारियों की नौगांवा में एक बैठक होगी। इस अवसर पर राजेश जैन, राजेन्द्र सोनी, त्रिलोकी नाथ शर्मा, रामजीलाल जैन, गुलशन, प्रहलाद सोनी, सुनील गोयल, रविन्द्र कपूर, मुकश जैन ने भी विचार व्यक्त किए।
यह परियोजना सरसों की 4 नवीन किस्म विकसित की है जबकि 75 नई किस्मों पर शोध कार्य किया है। नौगांवा में कृषि महाविद्यालय खोलने की सभी सुविधाएं हैं। उन्होंने बताया कि आगामी आंदोलन की रणनीति तैयार करने के लिए सभी जन संगठनों के पदाधिकारियों की नौगांवा में एक बैठक होगी। इस अवसर पर राजेश जैन, राजेन्द्र सोनी, त्रिलोकी नाथ शर्मा, रामजीलाल जैन, गुलशन, प्रहलाद सोनी, सुनील गोयल, रविन्द्र कपूर, मुकश जैन ने भी विचार व्यक्त किए।