बाघिन एसटी-5 शिकार में लिप्त बंदूक व मुख्य आरोपी अभी सरिस्का प्रशासन की पकड़ से दूर हैं। मामले में दो आरोपियों को अब तक पकड़ा जा सका है, लेकिन उनसे भी किसी प्रकार की बरामदगी नहीं हो पाई। इतना ही नहीं सरिस्का प्रशासन अब तक यह पता नहीं लगा पाया कि बाघिन का शिकार कब हुआ। वहीं शिकार की घटना में कितने लोग शामिल रहे। जिन दो आरोपियों को पकड़ा गया, उन्हें न्यायालय ने जेल भेज दिया।
कॉल डिटेल से थी उम्मीदें, अब तक नहीं मिली सरिस्का प्रशासन को बाघिन एसटी-5 के शिकार में शामिल संभावित अन्य लोगों के कॉल डिटेल से घटना के पूरी तरह खुलासे की उम्मीद थी। सरिस्का प्रशासन ने संभावित शिकारियों के मोबाइल नम्बर भी जयपुर मुख्यालय को उपलब्ध कराए, लेकिन अब तक वहां से उनकी कॉल डिटेल नहीं मिल पाई है। वहीं दिल्ली स्थित वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो को भी संभावित अपराधियों की जानकारी दी गई, लेकिन वहां से भी कुछ हाथ नहीं लग सका। नतीजतन बाघिन एसटी-5 के शिकार मामले का खुलासा प्रारंभिक दौर से आगे नहीं बढ़ पाया।
शिकार के मुख्य आरोपी व बंदूक की बरामदगी जरूरी बाघिन के शिकार मामले की तह तक पहुंचने के लिए सरिस्का प्रशासन को मुख्य आरोपी की तलाश है, जिसने बंदूक चला कर बाघिन का शिकार किया। वहीं शिकार में प्रयुक्त बंदूक की बरामदगी, बाघिन के अंगों की खरीद करने वाले अपराधी तथा घटना में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी जरूरी है।
बाघिन एसटी-5 के शिकार मामले में जयपुर मुख्यालय से संभावित आरोपियों की कॉल डिटेल का इंतजार है। कॉल डिटेल मिलने पर मामले की जांच आगे बढऩे की संभावना है। वहीं वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो से भी अपराधियों के बारे में जानकारी मिलना शेष है।
हेमंत सिंह , डीएफओ, सरिस्का बाघ परियोजना
हेमंत सिंह , डीएफओ, सरिस्का बाघ परियोजना