इससे पूर्व 2009 में भी मामन कांग्रेस टिकट पर मैदान में थे लेकिन तब भी उन्हें इनेलो के नसीम अहमद के हाथों पराजय झेलनी पड़ी। मामन ने इस बार उन्हीं नसीम अहमद को शिकस्त दी जिनसे वे दो बार पराजित हुए थे। इस बार नसीम भाजपा टिकट पर चुनावी रण में थे और कांग्रेस ने मामन को चुनाव मैदान में उतारा था। कांग्रेस नेताओं के भितरघात और जेजेपी के अमन अहमद की मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की तमाम कोशिश के बावजूद मामन ने चुनावी वैतरणी पार कर ली।
टूटे कई मिथक मेवात के फिरोजपुर झिरका विधानसभा सीट को लेकर एक मिथक है कि यहां पार्टी टिकट से ऊपर गोत्र पाल को महत्व मिलता है और वही उम्मीदवार जीत दर्ज करा पाता है जिसके गोत्र पाल के ज्यादा वोट हैं। इस लिहाज से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ रहे छिरकलोत पाल के नसीम अहमद की जीत पक्की मानी जा रही थी क्योंकि उनके पाल के वोट ज्यादा हैं। परन्तु इस बार क्षेत्र के मतदाताओं ने इसे तोड़ दिया और गोत्र पाल से ऊपर उठ कर कांग्रेस के मामन खां को विजयमाला पहना दी। मामन खां की जीत पर राजस्थान के मेवात इलाके में भी जीत का जश्न मनाया गया।
गौरतलब है कि हरियाणा की राजनीति से राजस्थान के मेवात इलाके के लोगों का गहरा रिश्ता है। राठ क्षेत्र की तरह ही मेवात में हरियाणा और राजस्थान के लोगों में रोटी बेटी का नाता है।