मूल रूप से गोवा निवासी 57 वर्षीय सांवत ठेकेदार पेशे से खुद एक लेबर कॉन्ट्रेक्टर हैं जिनका नीमराणा के कई उद्योगो में काम भी है। सैकड़ों लोग इनके पास काम भी करते हैं, लेकिन सांवत पीएम मोदी के स्वछता अभियान से इतने प्रभावित हुए कि इस अभियान से जुटने से खुद को रोक नहीं पाए। सांवत पहले कॉलोनी अपने ब्लॉक की गली में सुबह हाथों में झाड़ू व कचरा उठाने काटने व कूड़ा एकत्र करने की बाल्टी उठाकर चल देते हैं। ये कचरा उठाने के बाद उसे नष्ट भी करते हैं। यह कार्य देखकर लोग सावंत को रीको का सफाईकर्मी समझने लगे, लेकिन बाद में पता चला की वे पब्लिक सफाई कर्मी हैं। उनका यह सेवा भाव देखकर लोगों में उनके प्रति सम्मान की भावना बढ़ी है।
टोपी वाले बाबा के नाम से मशहूर कॉलोनी के राजेश अरोड़ा, अमित यादव, सतेंद्र राघव आदि ने बताया कि गांधी रूपी सफेद टोपी धारण कर सफाई करने वाले सांवत ठेकेदार कॉलोनी के महिला पुरुष व बच्चों में टोपी वाले सफाई बाबा के नाम से जाने जाने लगे हैं।
आधा दर्जन ब्लॉकों में कर रहे सफाई अब घर कॉलोनी की गली की नहीं, बल्कि आधा दर्जन ब्लाकों में भी इस काम को बखूबी अंजाम दे रहे हंै।
सांवत का यहां खुद का घर नहीं है बल्कि वह रीको रेजिडेंशियल कॉलोनी में किराए के मकान में रहता है। यहां रहने वाले लोग अपने घरों का कचरा कचरा पात्र की जगह घरों के सामने या सडक़ों पर फेंक देते हैं। सावंत उन्हें कुछ कहने की बजाय कूड़े को उठाकर नष्ट करते हैं। उनका यह सेवा भाव देखकर महिलाएं अब कचरा पात्र में कूड़ा डालने लगी है।
सांवत का यहां खुद का घर नहीं है बल्कि वह रीको रेजिडेंशियल कॉलोनी में किराए के मकान में रहता है। यहां रहने वाले लोग अपने घरों का कचरा कचरा पात्र की जगह घरों के सामने या सडक़ों पर फेंक देते हैं। सावंत उन्हें कुछ कहने की बजाय कूड़े को उठाकर नष्ट करते हैं। उनका यह सेवा भाव देखकर महिलाएं अब कचरा पात्र में कूड़ा डालने लगी है।
खुद घर उगाते हैं सब्जियां सांवत बाजार की सब्जियों की बजाय खुद उपयोग की सब्जियां घर पर क्यारी में घर से निकलने वाले वेस्ट जल उपयोग से बिना खाद के उगाते हैं। घरेलू मसाले भी घर में बनाते हंै।
त्योहारों पर विशेष अभियान सांवत ने बताया कि वे दशहरा,दीपावली, 15 अगस्त, 26 जनवरी, रक्षा बंधन और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सुबह दो घंटे की बजाय 5-5 घंटे 5 से 6 दिन तक सफाई करते है।