नए जिले 1500 स्कूल खींच ले जाएंगे, यहां महज 1300 ही बचेंगे

नए जिले 1500 स्कूल खींच ले जाएंगे, यहां महज 1300 ही बचेंगे - शिक्षा विभाग अपने स्कूलों का लगा रहा गणित, विभाग ने इन विद्यालयों के बेहतर संचालन के लिए खूब बहाया है पसीना - नए जिले बनने से सामान्य ज्ञान की किताबों में भी होगा बदलाव, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थी अभी से चिंतित अलवर. प्रदेश में नए जिलों के बनने से कोई खुश है तो कोई निराश। किसी ने पसीना बहाकर अपने इलाकों को चमकाया, अब उसका लाभ दूसरे जिलों को मिलेगा।

अलवर

Updated: March 19, 2023 09:28:59 pm

नए जिले 1500 स्कूल खींच ले जाएंगे, यहां महज 1300 ही बचेंगे

- शिक्षा विभाग अपने स्कूलों का लगा रहा गणित, विभाग ने इन विद्यालयों के बेहतर संचालन के लिए खूब बहाया है पसीना

- नए जिले बनने से सामान्य ज्ञान की किताबों में भी होगा बदलाव, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थी अभी से चिंतित

अलवर. प्रदेश में नए जिलों के बनने से कोई खुश है तो कोई निराश। किसी ने पसीना बहाकर अपने इलाकों को चमकाया, अब उसका लाभ दूसरे जिलों को मिलेगा। वही शिक्षा विभाग के साथ हुआ है। विभाग के कुल 2843 स्कूलों में से करीब 1500 स्कूल दूसरे जिलों में जाने के आसार हैं। वहीं 1300 से अधिक यहां बचेंगे। ऐसे में मूल जिले से ज्यादा स्कूल दूसरे जिले के खाते में जाएंगे। इन स्कूलों को संवारने के लिए शिक्षा विभाग ने खूब मेहनत की थी। वहीं दूसरी ओर जिले बनने से सामान्य ज्ञान में भी बदलाव आएगा। ऐसे में नए किताबें खरीदनी होंगी।



ऐसे मुहैया कराए थे संसाधन

शिक्षा विभाग ने खैरथल, बानसूर से लेकर कई इलाकों के स्कूलों को अच्छा चमकाया था। वहां पर पर्याप्त स्टाफ रखा। शिक्षा की गुणवत्ता से लेकर सुविधाएं मुहैया कराने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। अब विभाग की यह विरासत दूसरे जिले संभालेंगे। बच्चों की संख्या भी यहां कम होगी। क्योंकि दूसरे जिलों के विद्यार्थियों के दाखिले वहां होंगे। अधिकारियों का भी बंटवारा हो जाएगा।


ऐसे होगा बदलाव

नए जिलों के बनने से उनकी भौगोलिक, सांस्कृतिक आदि िस्थतियों में बदलाव होगा। उदाहरण के लिए प्रदेश का क्षेत्रफल में सबसे बड़ा जिला जैसलमेर है। वहीं सबसे छोटा जिला धौलपुर। ऐसे में अन्य जिलों का भी नाम सामान्य ज्ञान में किसी न किसी रूप में है। नए जिले बनने से तमाम महत्वपूर्ण चीजें दूसरे जिलों में जाएंगी तो फिर उसी हिसाब से किताबों में भी बदलाव करना होगा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे विद्यार्थियों को दिक्कतें कुछ होंगी। क्योंकि उन्होंने सामान्य ज्ञान प्रदेश का वर्तमान हाल को लेकर पढ़ा है लेकिन जिले बनेंगे तो उसी हिसाब से बदलाव होगा और फिर छात्रों को पढ़ना होगा। उद्योग धंधे, महल, नदी -नाले, पर्यटन क्षेत्र व धार्मिक स्थलों में भी बदलाव होगा।
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