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सावधान! अलवर में भी हो सकता है सूरत और कोटा जैसा हादसा, अवैध रूप से चल रहे कई हॉस्टल और पीजी

locationअलवरPublished: Jun 14, 2019 05:13:40 pm

Submitted by:

Hiren Joshi

कुछ दिन पूर्व कोटा की एक होस्टल में आग लग गई थी, वहां तो रेस्क्यू कर छात्रों को बचा लिया गया, लेकिन अलवर में हालात और भी खराब हैं।

No Fire Security In Hostels And PG's Of Alwar

सावधान! अलवर में भी हो सकता है सूरत और कोटा जैसा हादसा, अवैध रूप से चल रहे कई हॉस्टल और पीजी

अलवर. सूरत व कोटा में अग्निकाण्ड होने के बावजूद अलवर में जिम्मेदार प्रशासन कागजी नींद से बाहर नहीं आया हैं। सूरत की घटना के बाद कोटा में एक हॉस्टल में 28 विद्यार्थियों को रेस्क्यू कर मुश्किल से बचाया गया। इन घटनाओं के बावजूद अलवर के जिम्मेदार प्रशासन ने कोचिंग, हॉस्टल व बहुमंजिला इमारतों के मालिकों को डराने के लिए नोटिस जरूर थमाए हैं। लेकिन कार्रवाई एक जगह भी नहीं की गई। जबकि अलवर शहर में करीब 50 से अधिक ऐसे हॉस्टल हैं जिनमें सैकड़ों की जान जोखिम में है। जो बेहद संकरी सीढिय़ों से जुड़े छोटे-छोटे कमरों के रूप में खड़े हैं।
आग लगने पर बुझाने के उपकरण बिल्कुल नहीं है। शहर के बीचोंबीच कम्पनी बाग के पास निजी बालिका छात्रावास है। छोटे से भूखण्ड पर चार मंजिला इमारत बना दी। आधे हिस्से में व्यावसायिक गतिविधि हो रही है और आधे हिस्से में बालिका छात्रावास चल रहा है। संकरी सीढिय़ों के सहारे हॉस्टल में चढऩा पड़ता है। एक मंजिल पर तीन से चार कमरे हैं। किसी कमरे में तीन तो किसी में दो छात्राएं रहती हैं। आने-जाने का एक ही रास्ता हैं। वेंटिलेंशन भी नहीं है। आगजनी जैसी घटना हुई तो धुआं निकलने की जगह तक नहीं है। खास बात आग बुझाने का कोई उपकरण नहीं है। इस छात्रावास का संचालन कर रही महिला से पूछने पर उसने बताया कि आग बुझाने का कोई उपकरण नहीं है।
स्कीम तीन में हॉस्टल, कोई सिस्टम नहीं

स्कीम तीन में करीब 25 फीट संकरी गली में हॉस्टल है। हॉस्टल में आने-जाने का एक ही रास्ता है। करीब दस कमरे हैं। सबमें अगल-अलग कूलर लगे हैं। शॉर्ट सर्किट से आए दिन आग लगने की घटनाएं होती हैं। छात्रावास होने के बावजूद यहां कोई उपकरण नहीं है। जिससे आपातकाल परिस्थिति में सामना किया जा सके। यहां रह रहे विद्यार्थियों ने बताया कि एक केयर टेकर हैं। जो अभी कहीं गया होगा। एक विद्यार्थी के महीने के साढ़े छह हजार रुपए लिए जाते हैं।
एरोड्रम रोड व स्कीम दो सहित पूरे शहर में ज्यादातर आवासीय मकानों में छात्रावास चल रहे हैं। छात्रावास संचालन करने वालों को कोई परवाह नहीं है। नगर परिषद आयुक्त फतेह सिंह का कहना है कि आग बुझाने के उपकरण नहीं मिलने पर 100 से अधिक नोटिस दिए जा चुके हैं।
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