आगामी दिनों में इन रास्तों से रेलयात्रा कर रहे हैं, तो आपका ये खबर पढ़ना जरूरी है
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अलवर। बांदीकुई से अलवर के बीच करीब 60 किलोमीटर रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का कार्य करीब ढाई साल बाद भी रफ्तार नहीं पकड़ सका है। जिससे कभी कोहरा, कभी फ्रैक्चर, तो कभी ब्लॉक के कारण आए दिन ट्रेन लेट होती हैं और यात्रियों को मुसीबत झेलनी पड़ती है। अलवर से ढिगावड़ा के बीच का रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का कार्य पूरा होने में अभी करीब 1 माह से अधिक समय लग सकता है। जिस सुस्त रफ्तार से दोहरीकरण काम हो रहा है। उससे आगामी एक साल में भी अलवर से बांदीकुई का दोहरीकरण का काम पूरा होने की संभावना नहीं है।
अलवर-बांदीकुई दोहरीकरण को हरी झण्डी साल 2016 में मिली थी। उसी साल कार्य शुरू भी हो गया था। लेकिन अभी तक अलवर से ढिगावड़ा तक करीब 20 किलोमीटर का ट्रैक का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है। करीब 125 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के तहत रेलवे का दोहरीकरण के अलावा अधिकतर रेलवे स्टेशनों का विस्तार का कार्य भी इसमें शामिल हैं।
अलवर जंक्शन का विस्तार का कार्य भी जारी
इस प्रोजेक्ट के तहत ही अलवर रेलवे जंक्शन का विस्तार का कार्य चल रहा है। अभी चौथे व पांचवें प्लेटफॉर्म का निर्माण हो रहा है। जिसके कारण ओवरब्रिज के विस्तार का कार्य भी शुरू कर दिया है। कृषि उपजमण्डी की तरफ से प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। ताकि उधर से आने वाले यात्रियों को परेशानी कम हो। रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के ढिगावड़ा में चल रहे कार्य के कारण रेलवे की ओर से बार-बार ब्लॉक लिया जा रहा है। इस बीच में ट्रेनों को दोनों तरफ रोका जाता है। जिसके कारण ट्रेन के पहुंचने में देरी होती है। यात्री परेशान होते हैं। सर्दी के मौसम में आए दिन ट्रैन पटरी फ्रैक्चर होने से भी टे्रनों को रोकना पड़ जाता है। सिंगल ट्रैक के कारण ट्रैक फ्रैक्चर की समस्या भी अलवर से बांदीकुई के बीच में सबसे अधिक आ रही है। अब जनवरी माह में ढिगावड़ा के बास रेलवे लाइन के दोहरीकरण के कार्य के कारण काफी ट्रेनों का रूट भी डायवर्ट किया जाएगा। जिससे यात्रियों को अधिक परेशानी होने वाली है।
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