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राजनीति नहीं पीडि़त बालिका की आवाज उठाने गई थी मेरी बेटी, जिसके साथ गलत हुआ, वह भी मेरी ही बेटी

बालिका के पिता का जिला कलक्टर को जवाब, बोले- मैनें ही भेजा था बच्ची को

अलवरJan 16, 2022 / 01:44 am

Pradeep

राजनीति नहीं पीडि़त बालिका की आवाज उठाने गई थी मेरी बेटी, जिसके साथ गलत हुआ, वह भी मेरी ही बेटी

अलवर. मूक-बधिर बालिका के प्रकरण में अपनी आवाज उठाने व समस्याएं बताने पहुंची बालिकाओं से जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिय़ा की ओर से उनके पिता के नम्बर मांगने और उनके परिजनों से यह जानने कि उनकी बेटी पढऩे आती है या राजनीति करने के मामले में जिला प्रशासन ने तो बच्ची के पिता से बात नहीं की। लेकिन बालिका के पिता भरोसी मीणा ने जिला कलक्टर को जवाब देते हुए कहा है कि मेरी बेटी राजनीति करने नहीं, बालिकाओं की आवाज उठाने गई थी। जिस बालिका के साथ गलत काम हुआ है, वह भी मेरी ही बेटी है। उन्होंने कहा कि मैनें खुद ही बेटी को आवाज उठाने के लिए भेजा था। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में आवाज बुलंद करनी चाहिए। आज मूक-बधिर बच्ची के साथ गलत काम हुआ है, अगर चुप बैठेंगे तो कल किसी और बेटी के साथ होगा। भरोसी मीणा ने कहा कि मेरे पास कलक्टर का फोन नहीं आया, अगर फोन आता तो वे उन्हें भी यही जवाब देते।

परिजन बोले- हम कलक्टर से बात करने के लिए तैयार
जिला कलक्टर के सामने अपनी मांग रखने आई अन्य छात्राओं के परिजनों ने कहा है कि जिला कलक्टर ने बेटियों को धमकाया है। जिला कलक्टर के सामने अपनी मांगे रखने वाली छात्रा पूजा झिरवाल की मां संतोष ने बताया कि वे खुद दोनों बेटियों के साथ पीडि़त बालिका को न्याय दिलाने के लिए धरने में उपस्थित थी। जिला कलक्टर क्या बात करना चाहते हैं, हम बात करने के लिए तैयार हैं। बालिकाओं ने कहा कि वे जिला कलक्टर के समक्ष न्याय की गुहार लगाने गए थे, पहले तो उन्हें कमरे के बाहर रोक दिया गया। बाद में केवल एक छात्रा की बात सुनकर कलक्टर गुस्सा हो गए और दूसरी छात्राओं से उनके पिता के नम्बर मांगते हुए कहा कि राजनीति नहीं पढ़ाई करो।

सीसीटीवी की कहानी गढ़ रहे- बालक नाथ

सांसद बालक नाथ ने कहा है कि पुलिस इतने अमानवीय वारदात में सीसीटीवी की कहानी लेकर आ गई है। यह इस पूरे मामले को दुर्घटना बता कर खत्म करना चाहते हैं। यह विशेष वर्ग को बचाने का प्रयास भी हो सकता है। हम उनके परिवार को पूरा संरक्षण देंगे। इस मामले की सीबीआई से जांच करवाई जाए।
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