अब एसएसबी के 'ट्रैकर डॉग्स जुटे दरिंदों की तलाश में !
अलवरPublished: Jan 15, 2022 01:53:27 am
शहर के कई इलाकों में ट्रैकिंग कराई


अब एसएसबी के 'ट्रैकर डॉग्स जुटे दरिंदों की तलाश में !
सुजीत कुमार
अलवर. मूक बधिर नाबालिग से गैंगरेप करने वाले दरिंदों तक पहुंचने के लिए अब एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) के 'ट्रैकर डॉग्सÓ की मदद ले रही है। अलवर जिले के रैणी उपखण्ड के डेरा स्थित एसएसबी के डॉग ट्रेनिंग सेंटर से चार स्पेशल बुलाए गए हैं। इन ट्रैकर डॉग्स के माध्यम से पुलिस पीडि़ता का पूरा रूट मैप बनाने और दरिंदों तक पहुंचने के प्रयासों में जुटी है।
रैणी के डेरा स्थित एसएसबी के डॉग ट्रेनिंग सेंटर से बेल्जियन शेफर्ड नस्ल के चार ट्रैकर डॉग्स बुलाए गए हैं। जिनका नाम लिंका, लेसी, थोर और ओला है। ये चारों श्वान एसएसबी के स्पेशल ट्रैकर डॉग्स के रूप में जाने जाते हैं। जो कि मुख्य रूप से हत्या, लूट, डकैती एवं सर्च ऑपरेशन में काम आते हैं। इन डॉग्स के साथ रश्मि रंजन लिंका और अनूप कुमार आए हैं जो कि इनके ट्रेनर हैं।
पीडि़ता के कपड़े और जूते सुंघाकर पता लगा रहे : पुलिस और एसएसबी की टीम इन ट्रैकर डॉग को पीडि़ता के कपड़े और जूते सुंघाकर ट्रैकिंग करा रहे हैं। इन डॉग्स के माध्यम से पुलिस को पीडि़ता के रूट का पता लगाने में काफी मदद मिली है।
देशभर में दे चुके हैं अपने कौशल का परिचय : अलवर में मूक बधिर नाबालिग से गैंगरेप मामले में आरोपियों को पकडऩे के लिए अपनी अहम भूमिका निभा रहे चारों खोजी डॉग बेल्जियन शेफर्ड नस्ल के हैं। जिनमे से थोर, लिंका व लेसी मेल और ओला फीमेल डॉग है। ये चारों देश के विभिन्न् जगहों से रैणी क्षेत्र के डेरा में स्थित एसएसबी के डॉग ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण के लिए आए हुए हैं। डॉग थोर डेरा डीटीसी का, ओला उड़ीसा पुलिस का, लेसी 5 बटालियन चंपावत का और लिंका 68 बटालियन देवेंद्र नगर आसाम का है, जो कि और अधिक दक्षता के लिए यहां आए हुए हैं। इन चारों डॉग्स ने देश में कई जगह अपने कौशल का परिचय दिया है।
चार ट्रैकर डॉग्स भेजे
&गैंगरेप मामले में अपराधियों की तलाश के लिए पुलिस के पास एसएसबी ट्रेनिंग सेंटर से बेल्जियन शेफर्ड नस्ल के चार स्पेशल ट्रैकर डॉग्स भेजे गए हैं। जो कि हत्या, लूट, डकैती और सर्च आपरेशन आदि के विशेष रूप से प्रशिक्षित किए गए हैं।
- डॉ. सुशांत पारेकर, डिप्टी कमांडेंट, एसएसबी डॉग ट्रेनिंग सेंटर, डेरा।