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अब गांव की सरकार की बारी, सात हजार 209 लोगों की चमकेगी किश्मत

locationअलवरPublished: Dec 23, 2019 12:53:12 am

Submitted by:

Kailash

अब गांव की सरकार की बारी, सात हजार 209 लोगों की चमकेगी किश्मत

अब गांव की सरकार की बारी, सात हजार 209 लोगों की चमकेगी किश्मत

अब गांव की सरकार की बारी, सात हजार 209 लोगों की चमकेगी किश्मत


अलवर. निकाय चुनाव (शहर की सरकार) के बाद अब गांव की सरकार (सरपंच, पंच, पंचायत समिति सदस्य, प्रधान, जिला परिषद सदस्य व जिला प्रमुख) चुनने की बारी है। पिछली बार 2015 के पंचायत चुनाव की तुलना में इस बार (2020) अलवर जिले में बड़ा बदलाव देखा जा सकेगा। सबसे खास ये है कि पूरे जिले में 7 हजार 209 जनप्रतिनिधि चुने जाएंगे। पिछली बार से 2 दो प्रधान, 60 पंचायत समिति सदस्य (एमपीएस) व 720 वार्ड पंच अधिक चुनकर आएंगे। यह बदलाव जिले में 72 ग्राम पंचायत बढऩे और दो पंचायत समिति नई बनने के कारण हुआ है। गोविन्दगढ़ व मालाखेड़ा नई पंचायत समिति बनी हैं। जिनका पहला चुनाव है। पिछली बार जिले में 14 पंचायत समितियों में चुनाव हुए थे। इस बार 16 में होंगे। मतलब दो प्रधान ज्यादा चुने जाएंगे। इसके अलावा नई पंचायत समिति बनने से चार पुरानी पंचायतों में थोड़ा बहुत बदलाव हुआ है। नई पंचायत मालाखेड़ा व गोविन्दगढ़ में दूसरे वार्ड जुड़े हैं। जिसके कारण 60 एमपीएस अधिक चुने जाएंगे। पिछले चुनाव में 300 एमपीएस थे, जो इस बार 360 हो जाएंगे। इसी तरह जिले में 72 नई ग्राम पंचायत बनी है। पहले 512 ग्राम पंचायत थी। जो अब बढक़र 580 हो गई हैं। चार ग्राम पंचायत थानागाजी नगर पालिका में जोड़ दी गई। जिसके कारण जिले में 584 की जगह अब 580 ग्राम पंचातयों में सरपंच व पंचों के चुनाव होंगे। एक पंचायत में औसतन 10 से अधिक वार्ड हैं। करीब 6 हजार 204 वार्ड पंच चुने जाएंगे।
20 हजार कर्मचारी लगेंगे चुनाव में
पंचायत चुनाव में करीब 20 हजार से अधिक कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगेगी। जिले में मतदान के 2 हजार 421 बूथ रहेंगे। पंचायत चुनाव में एक बूथ पर चार और सरपंच के चुनाव में एक बूथ पर पांच कर्मचारियों की ड्यूटी रहेगी। इसके अलावा करीब दो से तीन सुरक्षा गार्ड होंगे। अतिरिक्त पुलिस जाब्ता रहेगा। चुनाव अधिकारियों की टीम अलग से रहेंगी। इस तरह करीब 20 हजार कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी रहेगी। चुनाव के बाद मतगणना के दिन भी हजारों कर्मचारियों की ड्यूटी लगती है।
लॉटरी के बाद चुनाव की तैयारी
दो माह पहले से ही मशक्कत शुरू
चुनाव से करीब दो माह पहले ही मतदान की तैयारी शुरू हो जाती हैं। जैसे अभी पंचायत चुनाव की आचार संहिता नहीं लगी है लेकिन जिला निर्वाचन शाखा में तैयारियां तेज हो गई हैं। चुनाव का प्रारूप तैयार करने से लेकर अन्य तैयारियों को जुटाया जाने लगा है।
चुनाव खर्च सीमा
पंचायत चुनाव में जेडपीएस के चुनाव में 1.5 लाख रुपए, एमपीएस में 75 हजार व सरपंच के चुनाव में 50 हजार रुपए अधिकतम खर्च करने की सीमा तय है।
जिले में पंच,सरपंच, वार्ड पार्षद, जिला पार्षद व प्रधान की लॉटरी करीब-करीब निकाली जा चुकी है। जिसके कारण अब चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। जिला प्रमुख की लॉटरी भी जयपुर में निकल चुकी है। निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि पंचायत राज एक्ट 1994 के तहत वार्ड आरक्षण तय होते हैं। यह लॉटरी जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए निकाली जाती है। लेकिन 2009 से महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण मिलने से महिला जनप्रतिनिधियों की संख्या आधी से ज्यादा हो
गई है।
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