अधिकतर की स्क्रीनिंग हो होने के बाद करीब 50 से अधिक की सैंपल जांच भी हुई है। सैम्पल जांच नेगेटिव मिली है। जिससे जिले की जनता को बड़ी राहत है। चिकित्सकों का कहना है कि इनमें से एक भी व्यक्ति में कोरोना का संक्रमण होता तो अलवर जिले में भी फैलने की पूरी संभावना हो सकती थी। इनमें सबसे अधिक विदेशों में रहकर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी हैं। सबसे अधिक कजाकिस्तान, चीन व रूस में मेडिकल की पढ़ाई करने विद्यार्थी जाते हैं।
100 होम आइसोलेशन भी पूरा कर चुके चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विदेश से आए 408 नागरिकों में से करीब 100 जनें होम आइसोलेशन की अवधि पूरी कर चुके हैं। जिन पर चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ की बराबर निगरानी रही है। इनमें से अधिकतर लोग मार्च माह में आए हैं। जिसके कारण अभी होम आइसोलेशन में हैं। सबके परिवारजनों को भी समझाया जा चुका है थोड़ी सी लापरवाही पूरे परिवार व समाज पर भारी पड़ सकती है। होम आइसोलेशन में रहने की पूरी गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है।
घृणा नहीं, दूरी रखें विशेषज्ञों का कहना है कि जितने भी लोगों को प्रशासन ने होम आइसोलेशन में रखा है उनके पड़ौसी उनसे घृणा नहीं करें बल्कि हर कोई एक निश्चित दूरी जरूर बनाकर रखें। यह इस तरह का वायरस है कि कोई भी संक्रमित हो सकता है। जिससे बचने के लिए पूरी सावधानी बरतना जरूरी है। तभी तो अन्य प्रदेश व जिलों से आए लोगों को भी होम आइसोलेशन में रखा है। ताकि वे यहां आकर सबके बीच में रहने की लापरवाही नहीं बरतें। बाहर से आने वाले व्यक्ति किसी भी वस्तु के सम्पर्क में आकर संक्रमित हो सकते हैं। जिससे बचने के लिए होम आइसोलेशन किया है।