लोगों की जुबानी एक ही कहानी, पानी है सबकी परेशानी
लोकसभा चुनाव में नेता राष्ट्रीय मुद्दों पर वोट मांग रहे हैं। स्थानीय मुद्दे उनके चुनाव प्रचार से गायब हैं, लेकिन जनता के लिए स्थानीय मुद्दे बेहद मायने रखते हैं। इन्हीं मुद्दों को जानने पत्रिका टीम शनिवार को पुराने शहर के हजूरी गेट, पहाडग़ंज, धोबीघट्टा, दीवानजी का बाग, फूटी खेल और मीणा पाड़ी में जनता के बीच पहुंची। यहां हर वाशिंदे की जुबां पर सबसे बड़ा एक ही मुद्दा है। वह है पानी की किल्लत। लेकिन यहां के लोगों की समस्या को सुनने के लिए अब तक कोई भी नेता उनके बीच नहीं
आया है।
बंूद-बूंद पानी को तरसे
वैसे तो पूरे इलाके में ही पानी की किल्लत है, लेकिन पहाडग़ंज, धोबीघट्टा, दीवानजी का बाग और फूटी खेल इलाके में पानी की समस्या अधिक है। यहां सैकड़ों घर एेसे हैं, जिनके नलों में एक बूंद पानी तक नहीं पहुंचता है। बंूद-बूंद पानी के लिए लोग इधर से उधर भटकते रहते हैं। वहीं, कोई टैंकर मंगाकर काम चलाता है तो कोई रातभर पानी के लिए जागता है।
पहाडग़ंज मोहल्ला और धोबीघट्टा इलाके में सबसे बड़ी समस्या पानी की है। गर्मी में हालात और भी खराब हो जाते हैं। यहां कई-कई दिनों तक पानी नहीं आता है। जिससे लोग काफी परेशान हैं।
सुरेन्द्र सिंह, दुकानदार
क्षेत्र में पेयजल सप्लाई में भेदभाव किया जा रहा है। पेयजल सप्लाई देने के लिए हजूरी गेट और मीणापाड़ी तक नई पाइप लाइन बिछा दी, लेकिन पहाडग़ंज व धोबीघट्टा क्षेत्र में नहीं डाली है।
नीरज शर्मा, स्थानीय निवासी
क्षेत्र में पेयजल ही सबसे बड़ी समस्या है। उनके आसपास २०-३० घरों में तो पानी आता ही नहीं है। पानी की बंूद टपके कई-कई माह हो जाते हैं। टैंकर मंगाकर काम चला रहे हैं।
शिक्षा शर्मा, गृहिणी कैलाश नगर
पूरे वार्ड के लोग पानी की समस्या से त्रस्त हैं। पहाडग़ंज और धोबीघट्टा क्षेत्र तो एेसा है जहां दिन में तो बिल्कुल भी पानी नहीं आता है। पानी के लिए लोग रातभर जागे रहते हैं।
– शशिबाला, गृहिणी, पहाडग़ंज
मुद्दे न हवा, हर कोई हलकान