उसका पति सुभान खां पड़ोस में कहीं गया हुआ था। जबकि बेटी रमजाना रावका-बिदरका गांव गई हुई थी। आग लगने पर वृद्धा उठकर बाहर नहीं आ सकी। ग्रामीणों ने छप्पर में आग लगी देख सुभान खां को सूचना दी। बड़ी संख्या में ग्रामीण भी एकत्र हो गए, लेकिन तेज हवा के कारण कुछ ही मिनटों में छप्पर आग का गोला बन गया। सुभान पहुंचा तो पता चला कि छप्पर में वृद्धा थी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। तेज लपटों में घुसने की कोई हिम्मत नहीं जुटा पाया। लोगों ने घरों से पानी लाकर आग बुझाने का प्रयास किया। पुलिस या प्रशासन को सूचना नहीं देने से दमकल भी नहीं पहुंच सकी। थानाधिकारी मोहन सिंह ने बताया कि चोरबसई में आग की हुई घटना की कोई सूचना नहीं मिली।