अलवर के सामान्य चिकित्सालय के सामने स्थित सरकारी धर्मशाला को पिछले साल ही वन स्टॉप सेंटर के लिए दे दिया था। यह धर्मशाला चिकित्सा विभाग के अधीन थी। विभाग की ओर से एनजीओ के माध्यम से काउसंलर व अन्य पदों के लिए भर्ती की प्रक्रिया भी अभी तक पुरी नहीं हो पाई है।गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से वन स्टॉप सेंटर खोलने की कवायद शुरु की गई थी। पायलट प्रोजक्ट के तहत राज्य के कुछ जिलों में ही इसे शुुरु किया गया था। प्रोजक्ट की सफलता के बाद अलवर में पिछले साल ही इसको स्वीकृति मिल पाई। वन स्टाप सेंटर खुलने के बाद किसी भी अपराध से पीडित महिलाओं को एक ही जगह पर पुलिस, वकील, काउसंलर , चिकित्सा आदि की सुविधा मिलेगी। जिससे की पीडिता को अलग अलग जगह पर भटकना नहीं पड़े। यहां पर 24 घंटे महिलाओं को मदद मिलेगी।
इधर, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डाक्टर सुनील चौहान ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर के लिए सरकारी धर्मशाला की जगह दी गई है। इसको शुरु करने का काम संबंधित विभाग का है।