नष्ट कर रहे प्याज दिल्ली-जयपुर हाइवे पर स्थित गांव चिकानी में किसान पदम सिंह प्याज के भाव कम मिलने से बहुत दुखी हैं। यदि वह अपनी प्याज को मंडी तक ले जाता है तो उसका घाटा और बढ़ जाएगा। ऐसे में इन्होंने अपने दो बीघा के खेत में पकी हुई प्याज की फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया है।
इनका कहना है कि इस समय प्याज का एक कट्टा 100 रुपए का बिक रहा है जबकि उसे मंडी तक पहुंचाने के लिए तत्काल ही 125 रुपए लगेंगे। यही नहीं इसके बीज, पानी व खाद का खर्चा अलग है। यदि इसकी उपज की पूरी लागत की बात करें तो एक कट्टे पर करीब 300 रुपए से अधिक का खर्चा आता है। दो बीघा जमीन में ही प्याज का खर्चा 80 हजार रुपए आया है जो इस साल नहीं निकल पाएंगे। बीते साल दो बीघा में ही प्याज की उपज में इन्होंने लाखों रुपए कमाए थे लेकिन इस साल इन्हें घर से देना होगा। इस प्याज की फसल के लिए प्रतिदिन कई घंटे काम कर रहे थे लेकिन सारी मेहनत अब खराब हो गई। इस प्याज को उगाने के लिए साहूकार से मोटा कर्ज ले रखा है। अब नई सरकार से उन्हें कुछ उम्मीद है।
पदम सिंह के बेटे बृजमोहन सिंह का कहना है कि प्याज के कारण हमारा नुकसान तो हुआ ही साथ ही मेहनत भी खराब हुई। वे इस प्याज को बाहर भी नहीं ले जा सकते, क्योंकि प्याज एक साथ नहीं पकती, और जो प्याज पहले पक जाती है वह जल्दी ही खराब हो जाती है। पदम सिंह के भतीजा नवीन प्रताप सिंह का कहना है कि हमारा परिवार प्याज की फसल के लिए रात भर जागकर मेहनत करते थे। इसके लिए पूरा परिवार इसमें जुट गया था। अब इस भाव ने हमको निराश किया है। इसकी परवाह सरकार को भी नहीं है।