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मानसून के बाद आई बरसात से प्याज हुई खराब, किसानों को 500 करोड़ का नुकसान

locationअलवरPublished: Nov 29, 2022 01:30:53 am

Submitted by:

Shyam

प्याज की अन्य राज्यों में मांग कम, प्याज में नमी अधिक होने के कारण गुणवत्ता में कमी

मानसून के बाद आई बरसात से प्याज हुई खराब, किसानों को 500 करोड़ का नुकसान

अलवर मंडी में प्याज की आवक।

अलवर. इस साल मानसून के बाद आई बरसात अलवर के प्याज पर भारी पड़ गई। इसका परिणाम यह निकला कि अलवर जिले में प्याज की गुणवत्ता कमजोर हो गई। प्याज में नमी अधिक है तो इसे अधिक दिनों तक सुरक्षित रखना संभव नहीं है। जिसके चलते अलवर के प्याज के भाव अच्छे मिल नहीं रहे हैं।
इससे किसानों को करीब 500 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है।
अलवर जिले की अलवर प्याज मंडी, खैरथल और मालाखेड़ा में एक ही दिन में प्याज के 50 हजार कट्टों की आवक हो रही है। इन दिनों प्याज के थोक भाव 10 रुपए से 14 रुपए प्रति किलो तक हैं। इस अवधि में बीते साल प्याज के भाव 30 रुपए प्रति किलो तक रहे। दो साल पहले प्याज के भाव 65 से 70 रुपए प्रति किलो रहे, जो रिटेल में 100 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिका था।
प्याज की पैदावार
पूरे देश में प्याज का उत्पादन औसतन 2.3 करोड़ टन प्रति वर्ष है। राजस्थान में देश की 5 प्रतिशत प्याज का उत्पादन होता है। राजस्थान में अलवर प्रमुख प्याज उत्पादक जिलों में है।
कितना हुआ नुकसान
प्याज की फसल में अधिक पानी और देखभाल की जरुरत होती है। इस हिसाब से प्रति बीघा मेंं इसका खर्चा30 से 35 हजार रुपए आता है, लेकिन प्याज सस्ती होने के कारण इस बार प्रति बीघा में 20 हजार से 25 हजार के ही प्याज निकल रहे हैं। इसके चलते एक बीघा में 10 हजार से 15 हजार तक का नुकसान हो रहा है।
पिछले साल की तुलना में भाव कम
प्याज के आढ़तियों का कहना है कि अलवर जिले में इस साल किसानों को प्याज की गुणवत्ता कमजोर होने से भारी नुकसान हुआ है। इस साल पिछले साल की तुलना में भाव कम है। जिसका आंकलन करें तो यह नुकसान करीब 500 करोड़ रुपए का है।

अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है प्याज
प्याज के भाव अच्छे होने पर किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है। फल सब्जी मंडी आढ़ती यूनियन के अध्यक्ष देवेन्द्र छाबड़ा कहते हैं कि अलवर की प्याज बेहतर होने पर और इसके भाव अच्छे मिलने पर किसान के घर तक खुशहाली आती है। इस साल किसानों को नुकसान हुआ है।

27 हजार हैक्टेयर में हुई प्याज की बुवाई
इस साल अलवर जिले में 27 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में प्याज की बुवाई हुई है, लेकिन प्याज की गुणवत्ता कमजोर है। प्याज की उत्पादकता 16 टन प्रति हैक्टेयर मानी जाती है। इस हिसाब से अलवर जिले में 3 लाख 55 हजार टन प्याज उत्पादन की संभावना थी। उद्यानिकी विभाग के कृषि अधिकारी शीश मोहम्मद का कहना है कि इस बार अधिक बरसात के कारण प्याज की फसल को नुकसान हुआ है।
अलवर में नमी वाले प्याज की मांग कम
अलवर फल सब्जी मंडी यूनियन के संरक्षक व प्याज के आढती अभय सैनी कहा कहना है कि अलवर जिले में प्याज की गुणवत्ता कमजोर है। इस बार मध्य प्रदेश में स्टॉक का प्याज बहुत निकल रहा है। इसके कारण अलवर में नमी वाले प्याज की मांग कम है। इसके कारण अलवर में किसानों को नुकसान हुआ है, जो करोड़ों में है।
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