लॉक डाउन के चलते स्कूलों ने शुरू की ऑनलाइन क्लास, लेकिन अब बच्चों के सामने आ रही यह परेशानी
लॉक डाउन के दौरान ऑनलाइन क्लास के लिए विद्यार्थियों के सामने किताबों और कॉपियां खरीदने की दिक्कत आ रही है

अलवर. लॉक डाउन में सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों ने विद्यार्थियों को बिना परीक्षा दिए ही अगली कक्षा में क्रमोन्नत करने के बाद उनकी पढ़ाई भी ऑन लाइन शुरू हो गई है। प्रतिदिन शिक्षक बच्चों को लंबी चौड़ी पढ़ाई करवा कर होम वर्क भी दे रहे हैं। इस पढ़ाई में घर में ना तो किताबें हैं और ना ही कापियां। ऐसे में विद्यार्थियों से अधिक अभिभावकों की माथा पच्ची अधिक हो गई है। ऐसे में विद्यार्थी मोबाइल पर ही पढ़ाई कर रहे हैं।
अधिकतर गैर सरकारी विद्यालयों से ही बच्चों को ड्रेस, कॉपी व किताबें मिलती है। इस बार बच्चों को ना तो नया बैग मिला और ना ही स्टेशनरी। लॉक डाउन में स्टेशनरी की सारी किताबें बंद हैं जिसके चलते अभिभावकों को परेशानी हो रही हैं कि वे बच्चों का होमवर्क कैसे मैनेज करें? घर में पुरानी रखी नोट बुक सभी खत्म हो गई हैं। नए शिक्षा-सत्र में कुछ दिन बाद पहला टैस्ट आ जाएगा लेकन बच्चों के पास तो कॉपियां तक ही नहीं है, यदि अब वे रफ कॉपी में करते हैं तो इतने अधिक हो रहे होमवर्क को बाद में नई कॉपियों में उतारना ही माथा पच्ची वाला काम हो जाएगा।
डाउनलोड कर नहीं कर सकते, प्रिंट कैसे निकलवाए-
ऑनलाइन पढ़ाई में विद्यार्थियों को पढ़ाते समय शिक्षक अभिभावकों से पूरा पाठ व शिक्षण सामग्री डाउनलोड करने के सलाह दे रहे हैं। ये सामग्री इतनी हैवी होती है कि इसे डाउनलोड करना ही मुश्किल है। दूसरी और इसका प्रिंट निकलवाए तो बाजार कहीं खुले नहीं हैं।
होम डिलीवरी हो सकती हैं कॉपी व किताबों की
देश के कई शहरों में स्थनीय प्रशासन ने कॉपी व किताबों की राशन की तरह होम डिलीवरी की अनुमति दी है लेकिन अलवर जिले में इसकी अनुमति नहीं दी गई है। बिना किताब व कॉपियों के बच्चे को पढ़ाना ही मुश्किल हो रहा है। बच्चे को दिन भर काम में लगाने के लिए घर में ना तो ड्राइंग का सामान है और ना ही पेंसिल व पेन। बच्चे नए-नए संसाधनों से अपने आपको क्रिएटिव रखना चाहते हैं लेकिन उनके पास कोई संसाधन तक नहीं है।
यह कहते हैं पुस्तक विक्रेता और जिला शिक्षा अधिकारी-
यदि सरकार हमें घर में कापी व किताब भेजने की अनुमति देती है तो हम इस काम को कर सकते हैं, लेकन इसमें समस्या यह है कि बाहर से कॉपी व किताबें नहीं आ रही हैं। नई किताबों की प्रिंटिंग तक रुक गई हैं।
बिहारी पाराशर, संयोजक, अलवर पुस्तक विक्रेता संघ, अलवर।
सभी कक्षाओं की ऑन लाइन पढ़ाई हो रही है। इस समय सभी अभिभावकों को घर से बाहर नहीं निकलना है ऐसे संकट की घड़ी में वे घर में रखी पुराने कॉपियों में से कुछ पेज निकालकर कॉपी बना सकते हैं। यह नवाचार सभी के लिए अच्छा है।
राकेश शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक, अलवर।
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