मलावली खोहरा निवासी 87 साल के बुजुर्ग लल्लूराम ने कहा कि अब पुराने लोगों की पूछ नहीं है, नयों की है। यह सच है कि पुराने समय में बेइमानी नहीं थी। अब पुरानों की मान्यता नहीं रही। जवान लोग अपनी मर्जी करने लग गए हैं। पहले की बात छोड़ो। अब तो बेटा बाप की भी नहीं मानता है। चुनाव में पैसे की बर्बादी जमकर होती है। पूरी नौकरी व खेती का पैसा चुनाव में लगा देते हैं। कोई समझने वाला नहीं है। चुनाव में दंगा तो नहीं है लेकिन, अब पैसे के बल पर चुनाव होने लग गया। एक-एक की वोट मशक्कत होती रहती है।