पांडुपोल का जिक्र होते ही लोगों को महाभारतकाल के प्रसंग याद आ जाते हैं। इसके पौराणिक महत्व के कारण बड़ी संख्या में लोग दूर-दूर से इस स्थान को देखते हुए।
अरावली की पहाडिय़ों में बसे इस स्थान का प्राकृतिक सौन्दर्य देखते ही बनता है जो लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित कर लेता है।
ऐसे मनोरम माहौल के बीच पर्यटक कई बार अपनी सुरक्षा के प्रति लापरवाह हो जाते हैं और ऊंची पड़ाडिय़ों एवं झरनों पर चढऩे के प्रयास में कई बार घायल भी हो जाते हैं।
पांडूपोल मंदिर में बजरंग बली की मूर्ति।
पांडुपोल पर बने झरने के स्थान पर चट्टाओं पर चढ़े पर्यटक।