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भरतपुर के पड़ोसी जिले अलवर तक पहुंचा पानीपत फिल्म का विरोध, लोगों ने आक्रोश रैली निकालकर कहा-नहीं सहेंगे महाराजा का अपमान

locationअलवरPublished: Dec 10, 2019 04:45:03 pm

Submitted by:

Lubhavan

पानीपत फिल्म में महाराजा सूरजमल के किरदार को गलत ढंग से फिल्माए जाने पर लोगों का विरोध बरकरार है।

Panipat Movie Controversy : Protest Against Panipat Movie In Alwar

भरतपुर के पड़ोसी जिले अलवर तक पहुंचा पानीपत फिल्म का विरोध, लोगों ने आक्रोश रैली निकालकर कहा-नहीं सहेंगे महाराजा का अपमान

अलवर. आशुतोष गोवरिकर निर्देशित हिंदी फिल्म पानीपत में भरतपुर के महाराजा सूरजमल के गलत चित्रण के विरोध भरतपुर के पड़ोसी जिले अलवर में भी होने लगा है । अलवर जिले के कठूमर में स्थानीय जाट एवं अन्य सामाजिक संगठनों की ओर से मंगलवार को पानीपत फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर आक्रोश रैली निकाली गई और फिल्म के प्रसारण पर पूर्ण प्रतिबंध को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया।
इससे पूर्व जाट धर्मशाला में फिल्म पानीपत के विरोध को लेकर सर्व समाज की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें बैठक की अध्यक्षता कर रहे वीर तेजा सेना के अलवर जिला अध्यक्ष सतीश चौधरी एवं किसान नेता तूही राम चौधरी ने अपने वक्तव्य में कहा कि ऐतिहासिक महापुरुष चाहे वह किसी भी समाज से संबंधित हो, उनके चरित्र व इतिहास से छेड़छाड़ को रोकने के लिए सरकार को कानून बनाना चाहिए, जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो और पूर्व में भी पद्मावत जैसी फिल्मों से भी राजस्थान के राजाओं पर लांछन लगाने के प्रयास किए गए है। वक्ताओं ने बताया कि महाराजा सूरजमल न केवल भरतपुर, बल्कि आगरा दिल्ली हरियाणा आदि स्थानों तक अपने देश के प्रति समर्पण एवं त्याग की भावना के चलते 36 बिरादरी के प्रेरणा स्रोत रहे हैं। वे ऐसे राजा थे जिन्होंने कभी किसी के सामने अपना शीश नहीं झुकाया। ऐसे में फिल्म पानीपत में उनके किरदार द्वारा उनके चरित्र को नीचा दिखाकर लोगों की भावनाओं का अनादर किया गया है। इसके साथ ही समाज का अपमान किया गया है। जिसे समाज कदापि सहन नहीं करेगा। वक्ताओं द्वारा इस फिल्म के प्रतिबंध लगने तक आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया गया। बैठक शुरू होने से पूर्व सभी मौजूद लोगों द्वारा महाराजा सूरजमल के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए गए।
इस मौके पर कस्बे के मुख्य बाजार अंबेडकर पार्क होते हुए आक्रोश रैली भी निकाली गई। जिसमें शामिल लोग महाराजा सूरजमल अमर रहे, महाराजा सूरजमल का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान आदि नारे लगाए।

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