रात करीब 12 बजे जानवरों की आवाज सुनकर जाग हुई तो देखा कि बघेरा बकरियों के नोहरे में घुसा हुआ था और एक बकरी को घसीट रहा था। उसने शोर मचाकर परिजन व अन्य लोगों को बुलाया और बड़ी मुश्किल से बघेरे को भगाया। तब तक बघेरा एक बकरी को मार चुका था और एक को घायल कर दिया। सुबह अजबगढ़ रेंज में वनकर्मियों को सूचना दी, जिस पर वनपाल मुकेश मीना एवं वन मित्र बाबूलाल ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का मुआयना किया और बघेरे के पद चिन्ह होने की पुष्टी कर उच्चाधिकारियों को सूचित किया। वनकर्मियों ने पीडि़त रंगलाल गुर्जर को मुआवजा दिलवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज विभाग को भिजवाने की बात कही।