चिकित्सकों के नहीं होने पर ये भी धूप में बेेसुध लेटी हुई थी। यह स्थिति अस्पताल में दोपहर करीब 12 बजे तक बनी रही। इसके बाद ओपीडी में मरीजों की जांच के लिए चिकित्सक आई। उससे उपचार कराने के लिए ओपीडी के बाहर का बरामदा भर गया। स्थिति ये थी कि अपनी बारी का महिलाओं को दो-दो घंटे इंतजार करना पड़ा। इस दौरान कोई महिलाओं को पंखा झलता रहा, तो कोई स्वाफी आदि से महिलाओं की हवा करता रहा। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को अस्पताल में सुबह केवल चार चिकित्सक मौजूद थे।
एक चिकित्सक की ड्यूटी लगाई, वह भी नहीं आई जनाना अस्पताल में बिगड़ी चिकित्सा व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए कालाकुआं डिस्पेंसरी से एक महिला चिकित्सक की जनाना अस्पताल में ड्यूटी लगाई गई, लेकिन यह महिला चिकित्सक अस्पताल नहीं पहुंची। इससे जनाना अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्थाएं और लडख़ड़ा गई।
जनाना अस्पताल के कुछ चिकित्सक पीएल पर चल रहे हैं। तीन चिकित्सक विदेश गए हैं। इन्हें मुख्यालय से छुट्टी स्वीकृत की गई है। यह सच है कि मंगलवार को ओपीडी में केवल एक महिला चिकित्सक थी। व्यवस्थाओं में सुधार के प्रयास किए जाएंगे।
भगवान सहाय, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी अलवर।