अंग्रेजों के सामने खड़े रहे हमारे बुजुर्ग, आज पेंशन पाने को झुकने को मजबूर
अलवरPublished: Jun 15, 2019 12:29:05 pm
अलवर. अंग्रेजों के सामने हर विपरीत परिस्थिति में खड़े रहे हमारे बुजुर्ग आज पेंशन पाने के लिए झुकने को मजबूर हो गए हैं। भले ही सरकार ने बुजुर्गों के सम्मान में सामाजिक पेंशन योजना शुरू की। लेकिन, सरकारी दफ्तरों की पेंशन वितरण व्यवस्था उनको लाचार भी कर रही है।
अंग्रेजों के सामने खड़े रहे हमारे बुजुर्ग, आज पेंशन पाने को झुकने को मजबूर
ज्योति शर्मा उप कोषालय में पेंशन के लिए आने वाले बुजुर्गों को धूप में तपना पड़ रहा
अलवर. अंग्रेजों के सामने हर विपरीत परिस्थिति में खड़े रहे हमारे बुजुर्ग आज पेंशन पाने के लिए झुकने को मजबूर हो गए हैं। भले ही सरकार ने बुजुर्गों के सम्मान में सामाजिक पेंशन योजना शुरू की। लेकिन, सरकारी दफ्तरों की पेंशन वितरण व्यवस्था उनको लाचार भी कर रही है। बुढ़ापे में आधा शरीर समय के साथ झुक गया और रही सही कसर कोषालय में आने वाले पेंशनर्स के साथ हो रहा बर्ताव उन्हें कमजोर कर रहा है। अधिकारी अन्दर एसी में बैठते हैं। वहीं समय से एक से डेढ़ घण्टे देरी से आते हैं। पेंशनर की बात सुनने के लिए खिडक़ी में भी छोटी सी जगह है। जिसके अन्दर अपनी आवाज पहुंचाने के लिए नीचे झुकना पड़ता है। अधिकारी के आने से पहले धूप में तपना पड़ता है। बैठने के लिए टूटी कुर्सी हैं। पीने के पानी के मटके भी गंदे पड़े हैं। कोषालय में अलवर शहर से नहीं बल्कि आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी बुर्जुग पेंशनर पुरानी टे्रजरी में पेंशन लेने के लिए आते हैं।
कार्यालय खुला हुआ कर्मचारी गायब : कार्यालय में आने वाले कर्मचारी अपने काम को लेकर बहुत ही लापरवाह है। समय पर आते ही नहीं है। लोग काम करवाने के लिए भटकते रहते हैं। कार्यालय खुलने का समय सुबह १० बजे का है लेकिन यहां एक कमरा एेसा था जिसमें ११ बजे तक एक भी कर्मचारी नजर नहीं आया। पत्रिका संवाददाता जब सुबह ११.०० बजे यहां पहुंचा तो कमरा बाहर से बंद था। जब खोला तो लाइट व पंखे चालू थे और कुर्सियां खाली थी।
४५१७७ पेंशनर है यहां : सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग की ओर से जिले में जिले के करीब ४५११७ लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाती है। अलवर शहर स्थित पुरानी टे्रजरी में अलवर व उमरैण ब्लॉक की पेंशन दी जाती है। उम्र के अनुसार ७५० से १००० रुपए तक की पेंशन दी जाती है।