राजर्षि महाविद्यालय में सुबह 11 बजे बीएससी प्रथम वर्ष का ओल्ड पेटर्न विद्यार्थियों के लिए बोटनी का पेपर था। इस लिफाफे पर भी बोटनी ही लिखा हुआ था, लेकिन लिफाफे को खोलने पर उसमें बीएससी प्रथम वर्ष फिजिक्स का प्रश्न पत्र निकला, हालांकि यह प्रश्न पत्र भी इसी समय होना था। इसी प्रकार जैन कॉलेज में होने वाले बीएससी प्रथम वर्ष फिजिक्स के पेपर के स्थान पर बीएससी प्रथम वर्ष बोटनी का पेपर निकल गया। ऐसा ही मामला थानागाजी कॉलेज में भी हुआ है। जैन महाविद्यालय में गलत आए प्रश्न-पत्रों को वहां के कर्मचारी राजर्षि महाविद्यालय से बदल कर ले गए। राजर्षि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनूप सिंह श्रीवास्तव का कहना है कि इन विद्यार्थियों का पेपर 45 मिनट देरी से प्रारम्भ हुआ जिसके कारण उन्हें अतिरिक्त समय दिया गया है। इसकी सूचना समय रहते विश्वविद्यालय को दे दी गई थी।
पहले भी हुआ है ऐसा अलवर जिले में मत्स्य विश्वविद्यालय के पेपरों में ऐसी अनियमिताएं पूर्व में भी सामने आई हैं। इस वर्ष कॉमर्स स्नातक प्रथम वर्ष के पेपर में भी ओल्ड पेटर्न के स्थान पर नया सिलेबस का प्रश्न पत्र आ गया। इस मामले में बहरोड़ क्षेत्र के एक महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन भी दिया था। राजकीय गौरी देवी महिला महाविद्यालय में भी इस तरह का मामला सामने आ चुका है।
यह कहते हैं विद्यार्थी और विशेषज्ञ विद्यार्थियों का कहना है कि मत्स्य विश्वविद्यालय की इस वर्ष हुई परीक्षाओं में कई अनियमितताएं सामने आ रही हैं। इस बार ओल्ड और न्यू सिलेबस को लेकर भी असमंजस है। इस मामले में कई बार शिकायत की जा चुकी है। इधर, विशेषज्ञों का कहना है कि पेपर कराना औपचारिकता बनकर रह गया है।
लिफाफे के भीतर कुछ प्रश्न पत्र दूसरे आ गए थे जिन्हें थोड़ी देर बाद ही बदल दिया गया था। इससे विद्यार्थियों का किसी प्रकार का अहित नहीं हुआ है।
सप्तेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक।
सप्तेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक।