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श्राद्ध पक्ष का महत्व आज भी है बरकरार

locationअलवरPublished: Sep 15, 2019 12:23:50 pm

Submitted by:

Jyoti Sharma

 
श्रद्धा से मनाया जा रहा है श्राद्ध पर्व
अलवर. आधुनिकता के चलते लोगों की जीवन शैली,खानपान, रहन सहन सब कुछ बदल गया है। लेकिन इस बदलते परिवेश में आज भी श्राद्ध का महत्व कम नहीं हुआ है।

श्राद्ध पक्ष का महत्व आज भी है बरकरार

श्राद्ध पक्ष का महत्व आज भी है बरकरार

फोटो – श्राद्ध पक्ष का महत्व आज भी है बरकरार

श्रद्धा से मनाया जा रहा है श्राद्ध पर्व

अलवर. आधुनिकता के चलते लोगों की जीवन शैली,खानपान, रहन सहन सब कुछ बदल गया है। लेकिन इस बदलते परिवेश में आज भी श्राद्ध का महत्व कम नहीं हुआ है। आज भी पितरों के प्रति श्रद्धा व आस्था का पर्व परिवारों में उत्सव की तरह मनाया जाता है। पंडित ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि घर परिवारों में घर के सदस्य श्राद्ध के दिन पितरों के निमित्त भोजन बनाकर पंडित को जिमाते हैं उन्हें दान भी देते हैं। घर के बुजूर्ग इस परंपरा को आज भी निभा रहे हैं। आज भी प्रतिदिन सागर में पितरों का तर्पण करने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। इधर, पितरों को भोजन के रूप में मालपुए और इमरती का हलवाईयों से पितरों के लिए मालपुए , जलेबी आदि बनवाए जा रहे हैं।

श्राद्ध पक्ष 13 सितंबर से शुरु हो चुके हैं। श्राद्ध पक्ष का समापन 28 सितंबर को अमावस्या होगा। श्राद्ध पक्ष पितरों के प्रति श्रद्धा का प्रतिक होते हैं। जो जातक पितरों के निमित्त श्रद्धा से तर्पण कर श्राद्ध निकालते हैं उनसे पितर प्रसन्न होकर यश, वैभव, धन, ऐश्वर्य व पुत्र पौत्रादि का आर्शीवाद देते हैं।
पूर्णिमा से शुरु होगा श्राद्ध पक्ष13 सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध, 14 को प्रतिपदा का, 15 को दोयज का, 16 को कोई श्राद्ध नहीं, 17 को तीज का, 18 को चतुर्थी, 19 पंचमी , 20 षष्ठी का, 21 सप्तमी का श्राद्ध, 22 को अष्टमी का। 23 को नवमी का, 24 को दशमी का श्राद्ध,25 को एकादशी व द्वादस का श्राद्ध, 26 को त्रयोदशी का श्राद्ध, 27 को चर्तुदशी का श्राद्ध, 28 को सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध रहेगा।नवरात्र स्थापना 29 सेश्राद्ध पक्ष के समाप्त होते ही शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो जाएंगे। 29 सितंबर से नवरात्र प्रारंभ होंगे। नवरात्र के दौरान नौ दिनों तक देवी की आराधना की जाएगी। श्रद्धालु नवरात्र के व्रत रखेंगे। नवरात्र का समापन 8 अकटूबर को होगा।
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