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प्लेन से चोरी करने जाता था यह बदमाश, 13 करोड़ किए थे चोरी, पुलिस ने सरगना को दबोचा

locationअलवरPublished: Apr 10, 2018 01:57:29 pm

Submitted by:

Prem Pathak

अलवर पुलिस ने विद्युत तार चोरी की एक गैंग के सरगना सहित दो जनों को गिरफ्तार किया है। इन्होंने 13 करोड़ के तार चोरी करने का खुलासा किया है।

POLICE ARREST WIRE THEFT GANG
लवर. हाइटेंशन विद्युत लाइन के तारों को चोरी करने वाले एक अन्तरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश कर पुलिस ने गैंग के सरगना सहित दो जनों को गिरफ्तार किया है। पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने खुशखेड़ा, चौपानकी, टपूकड़ा में लगभग एक दर्जन वारदातों सहित राजस्थान, यूपी, हरियाणा, आन्ध्रप्रदेश और महाराष्ट्र से करीब 13 करोड़ रुपए के तार चोरी का खुलासा किया है।
दिलचस्प बात ये है कि हाइटेंशन लाइन चोरी करने गैंग का सरगना हवाई जहाज से जाता था, जबकि गिरोह के अन्य सदस्य ट्रेन से मौके पर पहुंचते थे। जिला पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश ने बताया कि वरिष्ठ अभियंता पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया जोन भिवाड़ी ने 18 अक्टूबर 2017 को टपूकड़ा थाने में निम्बाहेड़ी, ग्वालदा, टपूकड़ा से गुजरने वाली निर्माणाधीन हाइटेंशन विद्युत लाइन की चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इससे पहले खुशखेड़ा, चौपानकी और टपूकड़ा में तार चोरी की वारदातें हो चुकी थी। इस पर टपूकड़ा थाना प्रभारी राजेश मीणा के नेतृत्व में मामलों के खुलासे के लिए टीम गठित की गई। टीम ने सोमवार को हाइटेंशन लाइन चोरी के अन्तरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर गैंग के सरगना हरियाणा के तावडू निवासी सप्पी व गुनावट निवासी मोहम्मद समीम उर्फ मुकनदीप को गिरफ्तार किया।
पहले रैकी करते हैं, फिर चोरी

पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उनके गैंग में 15-20 सदस्य हैं। जो अलग-अलग राज्यों में जाकर हाइटेंशन लाइन की रैकी करते हैं। इसके बाद गिरोह के सभी सदस्य मिलकर लाइन को चोरी कर उसके तारों को ट्रकों में लाद दिल्ली में बेच देते हैं। पुलिस आरोपितों से पूछताछ व उनके गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।
गिरोह यूं देता था वारदात को अंजाम

गिरोह के सरगना सप्पी ने पुलिस को पूछताछ में वारदात करने का तरीका बताते हुए कहा कि उसके साथी इस्राइल, जुबेर व जमशेद के पास आल इंडिया परमिट के 8-10 कंटेनर हैं और उनसे पूरे भारत में माल की सप्लाई लेने व डिलीवरी करने जाते हैं। इसी दौरान ये लोग हाईटेंशन तार की उस जगह को चिन्हित करते, जहां वारदात करनी होती थी। इसके बाद पूरी टीम वहां पहुंचकर रात को हाईटेंशन तार और अर्थ के तार को काटकर कंटेनर में लोड कर देती, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 70 से 80 लाख रुपए होती थी। ये लोग चोरी के तारों को दिल्ली के बड़े कबाडिय़ों को बेचते थे।

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