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अक्ष्य तृतीया पर किसी भी हाल में बाल विवाह रोकने को तैयार अलवर पुलिस व प्रशासन, होगी यह कार्रवाई

locationअलवरPublished: Apr 16, 2018 11:54:01 am

Submitted by:

Prem Pathak

अक्ष्य तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए अलवर पुलिस व प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। इसकी सूचना के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।

POLICE IS ALL SET TO STOP CHILD MARRIAGE ON AKSHYA TRATIYA

अक्षय तृतीया पर बाजारों में बढ़ी रौनक

अलवर. अक्षय तृतीया पर बाल विवाह के प्रयास पर पुलिस व प्रशासन पैनी नजर रखेगा। यदि लोगों ने चोरी- छिपे बाल विवाह के प्रयास किए तो उनको कड़ी कार्रवाई भी झेलनी पड़ सकती है।

आखातीज व पीपल पूर्णिमा पर अबूझ मुहूर्त के चलते बड़ी संख्या में शादी विवाह के आयोजन होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अबूझ सावे पर बाल विवाह की आशंका ज्यादा रहती है। साक्षरता की कमी या फिर बाल विवाह से दुष्प्रभाव से अनभिज्ञ लोग रोक के बावजूद भी बाल विवाह के नए-नए तरीके ढूंढ निकालते हैं।
कई विभागों को दी जिम्मेदारी

महिला अधिकारिता विभाग की ओर से विभाग के गिरदावर, सेक्टर ऑफिसर, मजिस्ट्रेट, सुपरवाइजर, सीडीपीओ, तहसीलदार को अपने- अपने क्षेत्र में बाल विवाह पर नजर रखने के लिए पाबंद किया गया है। इसके अलावा ग्राम पंचायतों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, सहायिका आदि को भी जागरुकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
बैसाख मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी 14 अप्रेल को सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के साथ ही मीन मलमास का समापन हो गया। नए विक्रम संवत का पहला सावा 18 अप्रेल को अक्षय तृतीया का रहेगा। मीन मलमास के समाप्त होते ही शुभ व मांगलिक कार्य का दौर भी शुरु हो जाएगा। अक्षय तृतीया के बाद 30 अप्रेल को पीपल पूर्णिमा का अबूझ सावा रहेगा। बड़े सावों को देखते हुए बाजार में हर तरफ खरीददारी का माहौल बना हुआ है। बाजार में खरीददारी की भीड़ इतनी
अधिक है कि पैर रखने की जगह नहीं मिल पा रही है। कपडा, आभूषण, इलेक्ट्रोनिक आइटम पर ग्राहकों की भीड़ है।
16 से 30 अप्रेल तक चलेगा पखवाड़ा

जिला प्रशासन व महिला अधिकारिता विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 16 अप्रेल से बाल विवाह विरोधी पखवाडा मनाया जाएगा। इसमें सभी स्कूलों, आंगनबाड़ी और स्वयं सेवी संगठनों के माध्यम से बाल विवाह रोकने के लिए जागृति कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके तहत वाद विवाद, रंगोली, निबंध, चित्रकला, नाटक सहित अन्य प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
2 साल की सजा व 1 लाख रुपए का जुर्माना

बाल विवाह करना कानूनी अपराध है। इस बात की जानकारी होने के बाद भी लोग बाल विवाह का प्रयास करते हैं। बाल विवाह के लिए लडक़ी की आयु 18 साल या इससे अधिक व लडक़े अी आयु 21 साल से अधिक होनी चाहिए। वहीं बाल विवाह करने पर दो साल की सजा व 1 लाख रुपए का जुर्माना या फिर दोनों सजा से ही दंडित किया जा सकता है। इतना ही नहीं बाल विवाह में शामिल होने वालों को भी दोषी माना जाएगा। यानि बाल विवाह में बैंडबाजा, बाराती, टैंट, पंडित को भी सजा हो सकती है।
शादी कार्ड पर जन्मतिथि लिखना अनिवार्य

वर वधू के शादी के कार्ड पर जन्मतिथि लिखना अनिवार्य है। जिला मुख्यालय पर स्थित कंट्रोल रूम 0144- 2342522 पर कोई भी व्यक्ति बाल विवाह रोकने के लिए सूचना दे सकता है।
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