ऐसे ले रहे मंथली मंथली लेने वाले सरकारी कर्मचारी व अधिकारी निजी लोग साथ लेकर आते हैं। जिनके जरिए वसूली होती है। नए ट्रांसपोर्टर्स को अधिकारी के सामने पूरी छानबीन के बाद भेजा जाता है। ताकि किसी तरह का कोई जासूसी उपकरण नहीं हो। उसके बाद उससे बकायदा ट्रकों की संख्या के आधार पर सौदा होता है। ट्रांसपोट्र्स मंथली देने की पहचान के लिए ट्रक के सामने कोई भी नाम बड़े अक्षरों में लिखवाता है। जिसकी गिनती के आधार पर ही ट्रकों को छोड़ा जाता है।
मंत्रियों ने दो बार की दिखावे की कार्रवाई हरियाणा सरकार के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने करीब एक माह पहले खुद खेड़ा बैरियर पर खड़े होकर कार्रवाई कराई। करीब 32 आवेरलोड ट्रक व डम्परों को पकड़वाकर कार्रवाई कराई। कई लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। इसी तरह कुछ महीने पहले राजस्थान सरकार के परिवहन मंत्री यूनुस खान ने भी शाहजहांपुर में ओवरलोड पर कार्रवाई कराई। काफी ट्रकों पर जुर्माना किया गया। लेकिन ये कार्रवाई मात्र दिखावा है। सरकार या मंत्री कभी भी यहां आकर औचक निरीक्षण करेंगे तो सब सामने होगा।
5 किलोमीटर तक पूरा हाईवे जाम, लाखों जेब में शाम पांच बजे के बाद रात्रि दस बजे तक करीब 5 किलोमीटर तक खेड़ा बैरियर पर राजस्थान की सीमा में सैकड़ों ट्रक पूरे हाईवे पर खड़े हो जाते हैं। यहां तक पहुंचने से पहले उनको शाहजहांपुर पुलिस, परिवहन चौकी, बहरोड़ पुलिस, बहरोड़ उप परिवहन कार्यालय, नीमराणा पुलिस, कोटपूतली पुलिस सहित अन्य जगहों की पुलिस चौकियों से गुजरना होता है। इसेक बावजूद सैकड़ों डम्पर व ट्रक हरियाणा बॉर्डर तक बिना रोक टोक कैसे जा सकते हैं? इसका न पुलिस के पास कोई जवाब हैं न परिवहन विभाग के अधिकारियों के पास। यहां से ओवरलोडरुक जाए तो नाकों पर लगने के लिए अधिकारी व कर्मचारियों की बोली लगना भी रुक जाए।