दुपहिया वाहन चलाते समय पुलिस ने कभी भी रोककर दस्तावेजों की जांच कर ली तो एक हजार रुपया जुर्माना देने को तैयार रहें। शहर में 80 प्रतिशत से अधिक दुपहिया वाहन चालक प्रदूषण जांच नहीं करा रहे। अब जुर्माना 500 रुपए से बढ़ाकर एक हजार रुपया कर दिया है। वैसे भी अलवर शहर में पेट्रेाल पम्पों पर वाहनों की पूदषण जांच नहीं होने से मजबूरी में वाहन चालकों को दूर-दराज के चलित प्रदूषण जांच केन्द्रों पर पहुंचना पड़ता है। जिसके कारण बहुत से वाहन चालक प्रदूषण जांच ही नहीं करा रहे। मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू होने के बाद बिना प्रदूषण जांच वाले वाहनों पर जुर्माना पहले से दोगुना कर दिया है। जबकि वाहन की प्रदूषण जांच केवल 50 रुपए में हो जाती है।
पेट्रोल पम्पों पर जांच अनिवार्य कई साल पहले ही सरकार ने पेट्रोल पम्पों पर वाहनों पूदषण जांच केन्द्र चालू करने के निर्देश दिए थे। उस समय शहर में बस स्टैण्ड, 60 फीट रोड, मनुमार्ग सहित कई पेट्रोल पम्पों पर वाहन प्रदूषण जांच शुरू भी किए गए। लेकिन, बाद में ये केन्द्र मनमर्जी से बन्द कर दिए। जिसके कारण अब यहां वाहनों की प्रदूषण जांच नहीे हो पाती है।
मोटरसाइकिल की जांच 50 रुपए में दुपहिया वाहन की प्रदूषण जांच शुल्क केवल 50 रुपए है। जबकि पेट्रोल वाहन की प्रदूषण जांच 70 और बड़े डीजल वाहन की प्रदूषण जांच शुल्क 100 रुपए हैं। हर छह माह में वाहन की प्रदूषण जांच कराना अनिवार्य हैं। ऐसा नहीं होने पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। जबकि अब से पहले प्रदूषण जांच नहीं होने पर 500 रुपए जुर्माना था।
अब शहर में दो जगह वाहनों की जांच इस समय शहर में हनुमान चौराहे से आगे व टेल्को चौराहे के निकट चलित वाहन प्रदूषण जांच केन्द्र हैं। जहां अधिकतर समय वैन खड़ी मिलती है। कभी भी प्रदूषण जांच करा सकते हैं। ये दोनों ही जगह शहर से करीब-करीब बाहर की तरफ हैं। शहर के अन्दर के वाहन मालिक वहां नहीं पहुंचते। जिसके कारण 80 प्रतिशत से अधिक दुपहिया वाहनों की प्रदूषण जांच नहीं हो पाती है।