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अलवर में पॉलिथिन बन रही पर्यावरण की दुश्मन, खुले में हो रही है बिक्री

locationअलवरPublished: Jun 05, 2018 03:42:18 pm

Submitted by:

Prem Pathak

अलवर में पॉलिथिन का अधिक मात्रा में उपयोग हो रहा है। इतना ही नहीं इसके उपयोग के बाद गायें इन्हें खा रही है, और बीमार पड़ रही है।

Polythene damaging environment of alwar

अलवर में पॉलिथिन बन रही पर्यावरण की दुश्मन, खुले में हो रही है बिक्री

सब जानते हैं कि पॉलीथीन जानलेवा है। यह पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाती है। इसके बाद भी लगातार इसका उपयोग हो रहा है। सब्जी मंडी, फल, किराना व राशन की दुकान हर जगह पर खुले में पॉलिथीन बिक रही है।
हर तरफ है परेशानी, रोकेगा कौन

नगर परिषद की शिथिलता के चलते हर आदमी पॉलिथीन का उपयोग कर रहा है। हर तरफ पॉलिथिन बिक रही है। इसको खाने से आवारा पशुओं की मौत भी हो रही है। पॉलिथिन की वजह से काली मोरी फाटक, स्वर्गरोड, अलकापुरी, कबीर कॉलोनी आदि जगहों पर नाले व नालियां भरी हुइ है। सडक़ों पर रखे कचरा पात्रों में भी पॉलिथीन की मात्रा अधिक होती है। नगर परिषद ने पिछले एक वर्ष में 12 कार्रवाई की और शहर में जगह-जगह से पॉलिथिन जब्त की। पिछले एक साल में 129 क्विंटल पॉलिथीन जब्त की जा चुकी है।
गायब हो गए कागज व कपडे़ के थैले

पहले घर घर में कपड़े का थैला मिला करता था, घर से निकलते समय थैला ही निकला जाता था, लेकिन अब थैले मिलना मुश्किल हो गया है। कागज के थैले का उपयोग इसलिए नहीं किया जाता है कि थैले में हैंडिल नहीं होता, उठाकर नहीं ले जाया जा सकता। कहीं भी फट सकता है और सामान फैल सकता है इसलिए लोग सुविधा को देखते हुए पॉलिथिन का उपयोग करते हैं।
पॉलीथिन को जलाने से निकलने वाला धुआं ओजोन परत को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ गया है। पॉलीथिन जलाने से कार्बन डाई आक्साईड, मोनो ऑक्साईड, एवं ड्राई आक्सीस जैसी विषैली गैस उत्सर्जित होती है। इससे सांस व त्वचा की बीमारी हो सकती हैं। प्लास्टिक के ज्यादा संपर्क में रहने से लोगों के खून में क्लेटस की मात्रा बढ़ जाती है। गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशु का विकास रुक सकता है।
रचना आसोपा, व्याख्याता विज्ञान, जीडी कॉलेज अलवर।
हमनें एक साल में 129 किलो पॉलीथिन जब्त की है। इसमें से 40 क्विंटल प्रदूषण विभाग को और 60 क्विंटल राजपुर पावटा के पास फैक्ट्री को भिजवा दी है। यहां पर पॉलिथिन को नष्ट किया जाता है। शेष बची पॉलिथिन हमारे पास ही है। दो तीन महिने से कोई कार्रवाई नहीं की है।
अशोक मिश्रा, पॉलीथिन नियंत्रक अधिकारी, अलवर।
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