बेटियों को पढ़ाओ का दिया संदेश
पत्रिका ने उनके कार में बैठने के बाद यह सवाल किया कि मोदी से दूर रहने का उनको कोई अफसोस है क्या? इस पर उन्होंने कहा कि नहीं। पास ही हैं। दूर नहीं। जशोदा ने कहा कि बेटियों को पढ़ाओ जशोदा ने गुजराती भाषा में सिर्फ इतना ही कहा कि बेटियों को आगे लाएं। उनको खूब पढ़ाएं। बेटियां ही एक से अधिक परिवारों को समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास करती हैं। जिस घर में महिलाओं का सम्मान होता हैं उनकी प्रगति भी होती है। उन्होंने कहा कि बहन-महिलाएं आगे आएंगी तो देश तरक्की करेगा। इस दौरान बहुत सी महिलाओं ने इनके साथ सेल्फी ली और फोटो खिंचवाए। कॉलेज में भी छात्राओं में उनके साथ फोटो खिंचवाने की उत्सुकता बनी रही।
पत्रिका ने उनके कार में बैठने के बाद यह सवाल किया कि मोदी से दूर रहने का उनको कोई अफसोस है क्या? इस पर उन्होंने कहा कि नहीं। पास ही हैं। दूर नहीं। जशोदा ने कहा कि बेटियों को पढ़ाओ जशोदा ने गुजराती भाषा में सिर्फ इतना ही कहा कि बेटियों को आगे लाएं। उनको खूब पढ़ाएं। बेटियां ही एक से अधिक परिवारों को समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास करती हैं। जिस घर में महिलाओं का सम्मान होता हैं उनकी प्रगति भी होती है। उन्होंने कहा कि बहन-महिलाएं आगे आएंगी तो देश तरक्की करेगा। इस दौरान बहुत सी महिलाओं ने इनके साथ सेल्फी ली और फोटो खिंचवाए। कॉलेज में भी छात्राओं में उनके साथ फोटो खिंचवाने की उत्सुकता बनी रही।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन पहुंची अलवर, देखें फोटो प्रधानमंत्री की पत्नी जशोदा बेन बुधवार काे 3.30 घंटे लेट सुबह 10 बजे आश्रम एक्सप्रेस से अलवर पहुंची। अलवर जंक्शन पर काफी तादाद में पुलिस बल मौजूद रहा। यात्रियों की भी उनको देखने के लिए भीड़ लग गई। प्रधानमंत्री की पत्नी के अलवर आने से पूर्व लोगों में उनकी पोशाख को लेकर भी चर्चाएं होती रही, लेकिन जैसे ही वे ट्रेन से उतरी उनका साधारण गुजराती लिबास देखके लोग चकित रह गए। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वो देश के प्रधानमत्री की पत्नी है। स्टेशन के बाहर भारी संख्या में लोग आए।
जशोदाबेन की अलवर आने के बाद नियमित दिनचर्या रही। उन्होंने अपनाघर शालीमार में घर में पूजा अर्चना की। इसी दौरान मीडिया कर्मी उनसे बात करने के लिए मौजूद रही। लेकिन वे मीडिया से बात करें इसके आसार कम ही है। प्रधानमंत्री की पत्नी की एक झलक पाने के लिए अलवर वासियों में भारी उत्साह नजर आया। लोग पहले स्टेशन पहुंचे। उसके बाद उनकी गाड़ी के पीछे ही अपनाघर शालीमार भी पहुंचे, लेकिन वे वहां पहुंचने के बाद सीधे घर के अंदर चली गई। लेकिन लोग इसके बाद भी उनके बाहर आने का इंतजार करते रहे।