फ़ोटो बीए18सीआई।
बहरोड.़ होटल पर छापेमारी कार्रवाई के दौरान पुलिस।
१६ साल पुराने भ्रष्टाचार मामले में तीन साल की सजा
अलवर. पेंशन की कार्रवाई करने के एवज में रिश्वत मांगने वाले बाबू को न्यायालय ने १६ साल बाद तीन साल की सजा व १५ हजार रुपए के आर्थिक दण्ड का आदेश सुनाया है। विशिष्ठ न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण प्रकरण के सैशन न्यायाधीश ने तत्कालीन वरिष्ठ लिपिक तरुण चिटकारा को दोषी माना है। विशिष्ठ लोक अभियोजक अशोक कुमार भारद्वाज ने बताया कि ३१ मई २००३ को सेवानिवृत हुए राजकीय प्राथमिक विद्यालय टिहली तिजारा के अध्यापक दौलतराम ने सेवानिवृति से पूर्व पेंशन पर अग्रिम कार्रवाई के लिए बीईईओ से मिला। जिन्होंने पेंशन पत्रावली वरिष्ठ लिपिक तरुण चिटकारा से मिलने को कहा। दौलतराम ने चिटकारा से सम्पर्क किया। जिन्होंने २५ सौ रुपए की मांग की। यह कहा कि राशि दिए जाने पर ही पेंशन मामले में आगे की कार्रवाई होगी। जिसकी सूचना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को दी गई। बाद में मामले का सत्यापन कराते समय आठ सौ रुपए प्राप्त करना व शेष राशि सात जून को देना तय हुआ।
राशि बरामद करने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अलवर की ओर से तरुण चिटकारा के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया। लोक अभियोजक अशोक कुमार व बचाव पक्ष को सुनने व साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने सोमवार को फसला सुनाया। न्यायाधीश गणेश कुमार ने चिटकारा को तीन साल की सजा व १५ हजार रुपए का जुर्माना देने का आदेश सुनाया है।
बहरोड.़ होटल पर छापेमारी कार्रवाई के दौरान पुलिस।
१६ साल पुराने भ्रष्टाचार मामले में तीन साल की सजा
अलवर. पेंशन की कार्रवाई करने के एवज में रिश्वत मांगने वाले बाबू को न्यायालय ने १६ साल बाद तीन साल की सजा व १५ हजार रुपए के आर्थिक दण्ड का आदेश सुनाया है। विशिष्ठ न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण प्रकरण के सैशन न्यायाधीश ने तत्कालीन वरिष्ठ लिपिक तरुण चिटकारा को दोषी माना है। विशिष्ठ लोक अभियोजक अशोक कुमार भारद्वाज ने बताया कि ३१ मई २००३ को सेवानिवृत हुए राजकीय प्राथमिक विद्यालय टिहली तिजारा के अध्यापक दौलतराम ने सेवानिवृति से पूर्व पेंशन पर अग्रिम कार्रवाई के लिए बीईईओ से मिला। जिन्होंने पेंशन पत्रावली वरिष्ठ लिपिक तरुण चिटकारा से मिलने को कहा। दौलतराम ने चिटकारा से सम्पर्क किया। जिन्होंने २५ सौ रुपए की मांग की। यह कहा कि राशि दिए जाने पर ही पेंशन मामले में आगे की कार्रवाई होगी। जिसकी सूचना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को दी गई। बाद में मामले का सत्यापन कराते समय आठ सौ रुपए प्राप्त करना व शेष राशि सात जून को देना तय हुआ।
राशि बरामद करने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अलवर की ओर से तरुण चिटकारा के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया। लोक अभियोजक अशोक कुमार व बचाव पक्ष को सुनने व साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने सोमवार को फसला सुनाया। न्यायाधीश गणेश कुमार ने चिटकारा को तीन साल की सजा व १५ हजार रुपए का जुर्माना देने का आदेश सुनाया है।