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अलवर

निजी बीएड कॉलेज: एनसीईटी के नियमों का नहीं कर रहे पालना

अलवर जिले में संचालित बीएड कॉलेज राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीईटी) मापदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं।

अलवरMar 19, 2024 / 11:48 am

jitendra kumar

निजी बीएड कॉलेज: एनसीईटी के नियमों का नहीं कर रहे पालना

निजी बीएड कॉलेज: एनसीईटी के नियमों का नहीं कर रहे पालना


निजी बीएड कॉलेज: एनसीईटी के नियमों का नहीं कर रहे पालना

-पिछले तीन साल से कॉलेज की साईट अपडेट नहीं की, पढ़ाने वाला अधिकांश स्टाफ कागजों।

अलवर जिले में संचालित बीएड कॉलेज राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीईटी) मापदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं। न तो इनके पास पूरा स्टाफ है और न ही अन्य सुविधाएं। इसके बाद भी कॉलेजों की जांच तक नहीं की जा रही है। राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय के अंतर्गत करीब 67 बीएड कॉलेज आते हैं।
अधिकांश कॉलेजों में केवल 3 से 4 लोगों का ही स्टाफ है। खास बात तो ये है कि पिछले एक साल से विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से संचालित कॉलेजों की एक बार भी जांच नहीं की गई है।
कम्प्यूटर व विज्ञान प्रयोगशाला का अभाव

जिले में संचालित अधिकांश निजी बीएड़ कॉलेजों में सुविधाओं का टोटा हैं। इसमें कम्प्यूटर व विज्ञान प्रयोगशाला के साथ ही शैक्षणिक एव अशैक्षिणक स्टाफ, भवन और अग्निशमन प्रमाण पत्र भी इन कॉलेजों के पास नहीं हैं। जब बीएड विद्यार्थियों की प्रायोगिक परीक्षा होती हैं, तब अधिकारी भी आंख मूंद लेते हैं। एनसीईटी के नियमों के अनुसार बीएड विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए नेट या पीएचडी होना आवश्यक है, लेकिन अधिकांश कॉलेजों में ऐसा नहीं हैं।
अब तक न तो विश्वविद्यालय प्रशासन और न ही बीएड़ कॉलेजों ने पढ़ाने वाले शिक्षकों के डेटा को सार्वजनिक किया है ।

कई बीएड कॉलेजों ने अपडेट नहीं की साइट

अलवर जिले में बीएड करने वाले सभी विद्यार्थियों की मंशा होती है कि ऑनलाइन ही बीएड कॉलेज की सुविधाओं की जानकारी ले सकें। ताकि सुविधाओं के आधार पर वो प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद कॉलेज का चयन करे। लेकिन ज्यादातर बीएड कॉलेजों ने अपनी साइट को अपडेट नहीं किया है। वजह यह है कि अगर साइट पर जानकारी डाली गई तो कॉलेज की कई छुपी बातें सामने आ जाएगी।
सत्र शुरू होने से पूर्व सभी बीएड कॉलेजों की जांच की जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जांच कमेटी का गठन किया जाएगा। जो कॉलेजों में पहुंचकर जांच पडताल करेगी कि ये नियमों के अनुरूप संचालित हैं या नहीं।
कैप्टन फेली राम मीना, कार्यवाहक रजिस्ट्रार, मत्स्य विवि अलवर

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