गुरुग्राम स्थित रियान स्कूल में मासूम बालक की हत्या एक परिचालक से होना सामने आया है। स्कूलों में काम करने वाले शिक्षक और मंत्रालयिक कर्मचारियों का रिकॉर्ड शिक्षा विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर रखा जाने लगा है। स्कूलों में कार्य करने वाले चौकीदार, गार्ड, वाहन चलाने वाले ड्राइवर और परिचालकों का रिकॉर्ड ही नहीं रखा जाता है।
Read this : कितने सुरक्षित हैं हमारे नौनिहाल : राजस्थान के इस जिले में भी 5 लाख 88 हजार बच्चों की सुरक्षा ताक पर इसके अभाव में इनके चरित्र का सत्यापन तक नहीं हो पाता है। इन कर्मचारियों के बारे में पुलिस को जानकारी तक नहीं दी जाती है। कई बार प्राइवेट स्कूलों में अन्य राज्यों से आए व्यक्ति यहां आकर काम करने लगते हैं। उनका आपराधिक रिकॉर्ड होने के बावजूद इसकी जानकारी पुलिस तक को नहीं मिल पाती है। कई बार पूर्व में अपराध करने वाले लोग अपनी मानसिक विक्षिप्तता के कारण अपराध करते हैं।
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परिहवहन विभाग की ओर से स्कूली वाहनों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिए दिशा निर्देश तय किए गए हैं। इसमें बस चालक व परिचालक की निर्धारित वेशभूषा और उसके पास परिचय पत्र होना अनिवार्य है। इसके बावजूद एेसे कर्मचारियों के पास कार्ड तक नहीं होता है। वाहनों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की सूचना परिवहन कार्यालय मंे भेजनी चाहिए लेकिन प्राइवेट स्कूल संचालक इसकी परवाह ही नहीं करते हैं।
परिहवहन विभाग की ओर से स्कूली वाहनों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिए दिशा निर्देश तय किए गए हैं। इसमें बस चालक व परिचालक की निर्धारित वेशभूषा और उसके पास परिचय पत्र होना अनिवार्य है। इसके बावजूद एेसे कर्मचारियों के पास कार्ड तक नहीं होता है। वाहनों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की सूचना परिवहन कार्यालय मंे भेजनी चाहिए लेकिन प्राइवेट स्कूल संचालक इसकी परवाह ही नहीं करते हैं।
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शिक्षा विभाग गैर सरकारी स्कूलों का नियमित निरीक्षण ही नहीं करता है। एेसे में परिवहन विभाग और पुलिस को स्कूल में कार्य करने वाले कर्मचारियों का रिकॉर्ड रखने तथा उनके पिछले रिकॉर्ड के सत्यापन की पहल करनी चाहिए। अलवर में इस प्रकार के नई पहल पुलिस को करनी चाहिए जिससे प्राइवेट स्कूलों में शर्मनाक आपराधिक वारदात नहीं हो सके। इस मामले में पहल करनी होगी। इस बारे में प्राइवेट स्कूलो के संचालकों को भी विश्वास में लेना होगा।
शिक्षा विभाग गैर सरकारी स्कूलों का नियमित निरीक्षण ही नहीं करता है। एेसे में परिवहन विभाग और पुलिस को स्कूल में कार्य करने वाले कर्मचारियों का रिकॉर्ड रखने तथा उनके पिछले रिकॉर्ड के सत्यापन की पहल करनी चाहिए। अलवर में इस प्रकार के नई पहल पुलिस को करनी चाहिए जिससे प्राइवेट स्कूलों में शर्मनाक आपराधिक वारदात नहीं हो सके। इस मामले में पहल करनी होगी। इस बारे में प्राइवेट स्कूलो के संचालकों को भी विश्वास में लेना होगा।