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#privateschool : Video : रियान स्कूल में छात्र की मौत के बाद भी नहीं जाग रहा प्रशासन, सरकार के पास नहीं कर्मचारियों का रिकॉर्ड

locationअलवरPublished: Sep 15, 2017 07:27:48 am

Submitted by:

Dharmendra Adlakha

गैर सरकारी स्कूलों में कार्य करने वाले कर्मचारियों का रिकॉर्ड तक किसी सरकारी विभाग के पास उपलब्ध नहीं होता है।

govt does not have school employees record

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अलवर.

प्राइवेट स्कूलों में भी पढ़ाई करने वाले बच्चों के अभिभावक उनकी पढ़ाई के बदले मोटी फीस देते हैं जिससे नौनिहालों को अच्छी शिक्षा मिल सके। इसके बावजूद गैर सरकारी स्कूलों में कार्य करने वाले कर्मचारियों का रिकॉर्ड तक किसी सरकारी विभाग के पास उपलब्ध नहीं होता है।
गुरुग्राम स्थित रियान स्कूल में मासूम बालक की हत्या एक परिचालक से होना सामने आया है। स्कूलों में काम करने वाले शिक्षक और मंत्रालयिक कर्मचारियों का रिकॉर्ड शिक्षा विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर रखा जाने लगा है। स्कूलों में कार्य करने वाले चौकीदार, गार्ड, वाहन चलाने वाले ड्राइवर और परिचालकों का रिकॉर्ड ही नहीं रखा जाता है।
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इसके अभाव में इनके चरित्र का सत्यापन तक नहीं हो पाता है। इन कर्मचारियों के बारे में पुलिस को जानकारी तक नहीं दी जाती है। कई बार प्राइवेट स्कूलों में अन्य राज्यों से आए व्यक्ति यहां आकर काम करने लगते हैं। उनका आपराधिक रिकॉर्ड होने के बावजूद इसकी जानकारी पुलिस तक को नहीं मिल पाती है। कई बार पूर्व में अपराध करने वाले लोग अपनी मानसिक विक्षिप्तता के कारण अपराध करते हैं।
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नहीं मानते सरकारी नियम


परिहवहन विभाग की ओर से स्कूली वाहनों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिए दिशा निर्देश तय किए गए हैं। इसमें बस चालक व परिचालक की निर्धारित वेशभूषा और उसके पास परिचय पत्र होना अनिवार्य है। इसके बावजूद एेसे कर्मचारियों के पास कार्ड तक नहीं होता है। वाहनों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की सूचना परिवहन कार्यालय मंे भेजनी चाहिए लेकिन प्राइवेट स्कूल संचालक इसकी परवाह ही नहीं करते हैं।
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पुलिस और परिवहन विभाग करें कार्रवाई


शिक्षा विभाग गैर सरकारी स्कूलों का नियमित निरीक्षण ही नहीं करता है। एेसे में परिवहन विभाग और पुलिस को स्कूल में कार्य करने वाले कर्मचारियों का रिकॉर्ड रखने तथा उनके पिछले रिकॉर्ड के सत्यापन की पहल करनी चाहिए। अलवर में इस प्रकार के नई पहल पुलिस को करनी चाहिए जिससे प्राइवेट स्कूलों में शर्मनाक आपराधिक वारदात नहीं हो सके। इस मामले में पहल करनी होगी। इस बारे में प्राइवेट स्कूलो के संचालकों को भी विश्वास में लेना होगा।
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