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राजस्थान के किसानों के सामने आई बड़ी परेशानी, नहीं मिल पा रहा यह लाभ

locationअलवरPublished: Apr 03, 2019 02:22:51 pm

Submitted by:

Hiren Joshi

राजस्थान के किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में उनकी परेशानी बढ़ गई है।

Problem Of Support Price Of Rajasthan Farmer

राजस्थान के किसानों के सामने आई बड़ी परेशानी, नहीं मिल पा रहा यह लाभ

अलवर. सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली सरसों किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई हैं। सरसों की बिक्री पर पचास क्विंटल की सीलिंग लगा दी गई है जिससे अधिक उपज वाले किसान अपनी फसल मंडियों में सस्ते दामों पर बेचने को मजबूर हैं।
इस वर्ष अलवर जिले मे सरसों की बम्पर पैदावार हुई है। जिले में 2 लाख 35 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में सरसों की बुवाई हुई थी। अलवर की सरसों की खरीद के लिए देश भर के स्टाकिस्ट यहां आए हुए हैं। मंडियों में सरसों के भाव 3200 से 3600 रुपए प्रति क्विंटल हैं। जबकि सरकार ने सरसों का समर्थन मूल्य 4200 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है।
किसानों का कहना है कि सरसों को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्टे्रशन करवाना अनिवार्य है। इस औपचारिकता को पूरी नहीं कर पाने वाले किसान सरसों सस्ते भावों में मंडी में ही बेच रहे हैं। राजफेड के अधिकारियों का कहना है कि एक किसान से अधिकतम 50 क्विंटल सरसों की खरीद की जा सकती है। जबकि किसानों का कहना है कि संयुक्त परिवार वाले किसानों के पास जमीन अधिक होने से पैदावार भी अधिक हुई है। ऐसे में उन्हें 50 क्विंटल से अधिक उत्पादन को मंडियों में सस्ते दाम पर बेचना पड़ रहा है।
किसानों का कहना है कि कई दिनों की परेशानी के बाद रजिस्ट्रेशन हो पाता है। उसके बाद भी वे सिर्फ 50 क्विंटल सरसों ही बेच पाते हैं। समर्थन मूल्य का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। समर्थन मूल्य पर एक क्रय केन्द्र पर एक दिन में मात्र 5 किसानों से ही सरसों खरीदी जा रही है। इधर समर्थन मूल्य का मंडियों में सरसों की आवक का कोई प्रभाव नहीं है। जिले की मंडियों में प्रतिदिन करीब एक लाख बोरी सरसों की आवक हो रही है। भाव भी समर्थन मूल्य से कम है।
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