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गड़रिया लुहार की बेटी देश की होनहार खिलाड़ी

इंसान के आगे अनेक बार ऐसी विपरीत परिस्थतियां पैदा हो जाती है कि वो कोशिश करने के बाद भी आगे नहीं बढ़ पाता है । लेकिन कुछ ऐसे उदाहरण भी है जो ऐसे विपरीत हालातों में रहकर उनसे संघर्ष करते हुए समाज के लिए मिसाल बन जाते हैं।

अलवरJul 15, 2019 / 10:09 pm

Dharmendra Adlakha

गड़रिया लुहार की बेटी देश की होनहार खिलाड़ी

गड़रिया लुहार की बेटी देश की होनहार खिलाड़ी – गड़रिया लुहार की बेटी देश की होनहार खिलाड़ीइंसान के आगे अनेक बार ऐसी विपरीत परिस्थतियां पैदा हो जाती है कि वो कोशिश करने के बाद भी आगे नहीं बढ़ पाता है । लेकिन कुछ ऐसे उदाहरण भी है जो ऐसे विपरीत हालातों में रहकर उनसे संघर्ष करते हुए समाज के लिए मिसाल बन जाते हैं। इसलिए कहां जाता है कि इंसान की परिस्थितियां ही उसका असली गुरु है।सूर्यनगर के गाडिया लुहार बस्ती में रहने वाले सुरजन लुहार की बेटी अंजलि लुहार भी, हालातों से लड़ते हुए निरंतर प्रतिभा का लोहा मनवा रही है। परिवार वाले अंजलि को स्कूल नहीं भेजना चाहते थे, क्योंकि लुहार परिवार में बेटियों को चूल्हे चौके तक ही सीमित रखा जाता है। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। माता पिता दिन भर लोहा पीटने का काम करते हैं। ऐसे में हॉकी जैसे खेल में अपनी प्रतिभा दिखाकर समाज की बेटियों को आगे बढऩे का हौंसला दे रही है। हथौडे से लोहा पिटने वाली अंजलि के हाथों का ही कमाल है कि खेल के मैदान में हॉकी की स्टिक भी बहुत अच्छी तरह से चलाती है और गोल पर गोल करती है। नेशनल व राज्य स्तर पर अनेक बार गोल्ड मैडल प्राप्त कर चुकी है।
गाडिया लुहारों की इस बस्ती में बेटियों को पढ़ाना एक तरह से जुर्म माना जाता है। लेकिन हॉकी कोच बिजेंद्र सिंह ने उसको राह दिखाई। अंजलि ने जिद की पढऩे की, पढऩे जाने लगी तो समाज ने बहुत विरोध किया। लेकिन इसने किसी की नहीं सुनी, एक बार घर से निकली तो पीछे मुडकर नहीं देखा।
जनवरी 2019 में हरियाणा के हिसार में आयोजित 64 वीं नेशनल स्कूल गेम्स में खेलने का मौका मिला। आज अंजलि बीएल पब्लिक स्कूल में 9 वीं कक्षा की छात्रा है और नेशनल हॉकी प्लेयर के रूप में पहचान बना रही है।
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