उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक को निर्देश दिए हैं कि प्राधानाचार्य तुलाराम गुप्ता को 16 सीसीए का नोटिस जारी करें।जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देशों की पालना नहीं कीउन्होंने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक पूनम गोयल ने मंगलवार प्रात: जिला कलक्टर को अवगत कराया कि रेलवे स्टेशन विद्यालय में भामाशाह डॉ. एससी मित्तल कमजोर वर्ग के लगभग 80 बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत प्रवेश दिलवाने के लिए लेकर विद्यालय गए। प्रधानाचार्य तुलाराम गुप्ता की ओर से बच्चों को प्रवेश देने से मना किया तथा भामाशाह के साथ दुव्र्यवहार किया गया। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक के दिए गए निदेर्शों की भी पालना नहीं की।
एडीएम सिटी से कराई जांच इस पर जिला कलक्टर ने अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर को तुरन्त विद्यालय भिजवाकर प्रकरण की जांच करवाई जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक द्वारा दी गई सूचना की पुष्टि होने पर जिला कलक्टर ने प्राधानाचार्य को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर इसकी जानकारी शिक्षा विभाग निदेशालय को भिजवाई। निलम्बन काल के दौरान प्राधानाचार्य तुलाराम गुप्ता का मुख्यालय शिक्षा विभाग निदेशालय बीकानेर रहेगा।
पहले ही दिन चूर हो गए स्कूल के सपने शिक्षा विभाग जहां एक ओर प्रतिवर्ष सरकारी स्कूलों में प्रवेश बढ़ाने को लेकर नित नए प्रयोग कर रहा है वहीं विभाग में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनकी वजह से बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला मंगलवार को सामने आया है। रेलवे स्टेशन स्थित सरकारी स्कूल में मंगलवार को प्रवेशोत्सव का आयोजन किया गया था। इसमें गाडिया लुहार सहित अन्य कच्ची बस्ती के बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाया जाना था। सभी बच्चे सुबह सवेरे तैयार होकर स्कूल पहुंचे, लेकिन यहां आने पर पहले तो उन्हें घंटों तक स्कूल के बाहर इंतजार करना पड़ा, जब प्रवेश लेने की बात आई तो स्कूल प्रिंसिपल ने दस्तावेजों की जंाच कर केवल 5 बच्चों का ही प्रवेश लिया तथा शेष करीब 55 बच्चों को प्रवेश के लिए मना कर दिया। प्रवेशोत्सव का पहला दिन होने के कारण स्कूल को गोद लेने वाले आरडीएनसी मित्तल फाउंडेशन के डॉ. एससी मित्तल कच्ची बस्ती के बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए स्कूल में पहुंचे थे। लेकिन स्कूल प्रिंसिपल ने आवेदनों में कमी बताकर बच्चों को प्रवेश देने से मना कर दिया।
इधर, जिला शिक्षा अधिकारी पूनम गोयल ने भी इन सभी बच्चों को तिलक लगाकर स्कूल में बच्चों का स्वागत किया। बाद में स्कूल प्रिंसिपल तुलाराम ने आवेदन में कमी बताकर बच्चों को लौटा दिया। इस पर प्रिंसिपल ने डॉ. मित्तल से दुव्र्यवहार किया तो जिला शिक्षा अधिकारी ने उन्हें रोकना चाहा। मामले को बढ़ता देखकर जिला शिक्षा अधिकारी ने मौके पर से ही जिला कलक्टर को प्रिंसिपल की शिकायत की। इसके बाद अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर मौके पर पहुंचे और मामले को शांत करवाया।
ज्यादातर बच्चे कच्ची बस्ती के आप साथ दो सेवा समिति के दिनेश किराड ने बताया कि ज्यादातर बच्चे कच्ची बस्ती लोहामंडी के हैं।
इनको समिति की ओर से शिक्षा दी जा रही है, लेकिन सरकारी स्कूल में प्रवेश के बाद ही शिक्षा की मुख्यधारा से जुड पाएंगे। इसलिए यहां प्रवेश के लिए लेकर आए थे। लेकिन करीब 55 बच्चे प्रवेश से वंचित रह गए। पूर्व में भी इस स्कूल में प्रवेश दिलवाया गया था, लेकिन दस्तावेजों की कमी बताते हुए उन्हें प्रवेश नहीं दिया, पिछले साल बहुत से बच्चों का भविष्य खराब हो गया।