अलवर जिले में सबसे अधिक बरसात किशनगढ़बास में 29, अलवर शहर में 25, बहादरपुर में 20, मालाखेड़ा में 7, कठूमर में 23, तिजारा में 3 मिमी बरसात हुई। जिले के सभी भागों में बरसात दोपहर में शुरू हुई जो शाम तक चली। दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक एक साथ इतनी बरसात हुई कि कई ग्रामीण क्षेत्रों में गेहूं कटे हुए पूले पानी में तैरने लगे। अलवर शहर में बरसात इतनी अधिक थी दो घंटे के लिए पूरा शहर थम सा गया। इस बरसात से तापमान में गिरावट महसूस की गई जिसके चलते तापमान में भारी गिरावट महसूस की गई। बुधवार को को अधिकतम तापमान 23 डिग्री हो गया जबकि इससे एक दिन पहले मंगलवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री पर था, इस दिन न्यूनतम तापमान 14 पर आ गया।
हवा के साथ आई बरसात- इस दिन उत्तर से बह रही हवा की रफ्तार 11 किलोमीटर प्रति घंटा थी। दोपहर एक बजे बाद हल्की बूंदाबांदी शुरू हुई जो थोड़ी देर में थम गई। इस दौरान बौछार आती रही। दोपहर 2 बजे हवा के साथ बरसात शुरू हुई जो तेज गति के साथ तीन बजे तक चलती रही। बरसात इतनी तेज थी कि एक घंटे में ही अलवर शहर में 25 मिमी बरसात हो गई। इस समय तो अलवर शहर थम सा गया, जो जहां था उसे वही रुकना पड़ा।
इस तरह गिरा तापमान- सुबह 9 बजे अलवर शहर में तापमान 24 डिग्री था। दोपहर 12 बजे 19 डिग्री, दोपहर बाद 3 बजे 17 डिग्री, शाम 6 बजे 15 डिग्री और रात 9 बजे 14 डिग्री पर तापमान आ गया। रात बढऩे के साथ ही तापमान गिरता चला गया।
गेहूं को नुकसान- इस बरसात और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को ही नुकसान हुआ है जबकि सरसों व चने की फसल को काटा जा चुका है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में गेहूं की फसल नीचे लेट गई। कई जगह खेतों में पानी ही पानी नजर आने लगा।
कृषि उप निदेशक पीसी मीणा का कहना है कि जिले में 1200 हैक्टेयर क्षेत्र में 10 से 15 प्रतिशत खड़ी फसल में नुकसान हुआ है । जिले में 900 हैक्टेयर क्षेत्र में 6 से 7 प्रतिशत क्षेत्र में खेत व खलियान में फसल रखी थी जो 5 से 7 प्रतिशत तक फसल की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ेगा। इस बरसात से फसल पूरी तरह खराब नहीं हो रही जबकि गेहूं के दाने कमजोर व काले हो जाते हैं। मालाखेड़ा क्षेत्र में गेहूं को सबसे अधिक नुकसान हुआ है।