अब किशनगढ़बास और तिजारा भी कांग्रेस की झोली में माने जाएंगे। किशनगढ़बास से विधायक दीपचंद खैरिया और तिजारा से विधायक संदीप यादव के इस कदम से जहां कांग्रेस कार्यकर्ता खुश होंगे वहीं अब जिले के बसपा कार्यकर्ताओं में निराशा होना भी तय है।
इससे पहले दो थानागाजी और बहरोड़ के निर्दलीय विधायक पहले ही प्रदेश सरकार को समर्थन दे चुके हैं। माना जा रहा है कि आगामी निकाय चुनावों में भी कांग्रेस इसका फायदा उठाने की कोशिश करेगी।
ंविधानसभा चुनाव में 16 प्रतिशत वोट लिए थे बसपा ने: हाल के विधानसभा चुनावों में बसपा ने अलवर जिले में दोनों प्रमुख दलों के समीकरण बिगाड़े थे। दीपचंद खैरिया कांग्रेस के टिकट पर दो बार चुनाव हार चुके थे लेकिन बसपा से टिकट मिलते ही जीत गए। चुनावों में जिले में बसपा ने 16 प्रतिशत वोट प्राप्त किए थे। मुंडावर, राजगढ़ और अलवर ग्रामीण में बसपा प्रत्याशियों ने अच्छे वोट प्राप्त किए थे। जिले में बसपा का अच्छा खासा वोट बैंक होने का फायदा इन दोनों को मिला था।
ंविधानसभा चुनाव में 16 प्रतिशत वोट लिए थे बसपा ने: हाल के विधानसभा चुनावों में बसपा ने अलवर जिले में दोनों प्रमुख दलों के समीकरण बिगाड़े थे। दीपचंद खैरिया कांग्रेस के टिकट पर दो बार चुनाव हार चुके थे लेकिन बसपा से टिकट मिलते ही जीत गए। चुनावों में जिले में बसपा ने 16 प्रतिशत वोट प्राप्त किए थे। मुंडावर, राजगढ़ और अलवर ग्रामीण में बसपा प्रत्याशियों ने अच्छे वोट प्राप्त किए थे। जिले में बसपा का अच्छा खासा वोट बैंक होने का फायदा इन दोनों को मिला था।
दो वरिष्ठ कांगेसी नेताओं को हराने वाले विधायक अलवर में बसपा के दोनों विधायकों ने विधानसभा चुनाव में वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को हराया था। विधानसभा चुनाव में किशनगढ़बास से कांग्रेस ने तत्कालीन सांसद वरिष्ठ नेता करणसिंह यादव को टिकट दिया था। जबकि तिजारा से कांग्रेस के उम्मीदवार थे पूर्व मंत्री ए.ए.खान। ऐसे में इस विलय से इन दोनों क्षेत्रों की कांग्रेसी राजनीति में भी बदलाव आएगा।