राज्य विधानसभा चुनाव में करीब पांच महीने का समय बचा है। ऐसे में प्रमुख राजनीतिक दल चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं। चुनावी साल में राजनीतिक दलों का खासा जोर संगठन पर है। यही कारण है कि चार साल से विपक्ष में बैठी कांग्रेस संगठन को नए सिरे से तैयार करने में जुटी है। इसके लिए संगठन में विभिन्न पदों पर काबिज ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया है जो पद दबाकर तो बैठे हैं, लेकिन पार्टी में ज्यादा सक्रिय नहीं दिखा सके हैं।
छोटी होगी जिला कार्यकारिणी कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी करीब 175 सदस्य होने के कारण जंबो कार्यकारिणी के नाम पर जानी जाती है। खास बात यह है कि जिला कार्यकारिणी के सभी सदस्य ज्यादातर मौकों पर एक साथ दिखाई नहीं दे पाए। पार्टी की ओर से होने वाली बैठकों व नेताओं की पुण्यतिथि, जयंती कार्यक्रमों की मौजूद लोगों की संख्या जंबो कार्यकारिणी की एक तिहाई भी नहीं रह सकी है। चुनावी साल में संगठन को गतिशील बनाने के लिए अब जिला कार्यकारिणी को 100 सदस्यों तक सीमित करने का निर्णय किया गया है। यानि जिला कार्यकारिणी में करीब आधे पद खत्म करने की तैयारी है।
निष्क्रिय पदाधिकारी भी हटेंगे कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी को छोटा करने के साथ ही इसमें शामिल निष्क्रिय पदाधिकारियों को भी हटाने की तैयारी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार मौजूदा कार्यकारिणी में 25 से 30 प्रतिशत सदस्यों की छुट्टी होना तय माना जा रहा है। कार्यकारिणी के स्वरूप में बदलाव की चर्चा के बीच कांग्रेस कार्यकर्ता इन दिनों बड़े नेताओं चक्कर लगा पद बचाने की जुगत में लगे हैं।
निचले स्तर तक संगठन में बदलाव की बयार कांग्रेस संगठन में निचले स्तर से बदलाव करने की तैयारी है। जिला कार्यकारिणी में बड़े फेरबदल के साथ ही गत दिनों मनोनीत सेक्टर ब्लॉक अध्यक्ष नए सिरे से अपनी कार्यकारिणी के गठन में जुटे हैं। वहीं बूथ कमेटियों में भी बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी है। पार्टी नेताओं की योजना बूथ पर पहुंचकर बूथ कमेटियों पर परिवर्तन की है। अभी तक बूथ कमेटियां एक अध्यक्ष समेत पांच-छह सदस्यीय है। इन बूथ कमेटियों को अब कम से कम 11 सदस्यीय करने की तैयारी है।
बदलाव संभव कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी को 100 सदस्यीय करने एवं बूथ कमेटियों को 11 सदस्यीय करने की योजना है। संगठन में निष्क्रिय सदस्यों को हटाया जा सकता है।
टीकाराम जूली, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस अलवर।