एक-एक विधानसभा में 100 सदस्य पहुंच रहे पिछले दो दिन से अलवर जिले में कई विधान सभा क्षेत्रों में 100 से 125 लोगों की टीम पहुंची है। संभावित प्रत्याशियों पर जनता की राय जुटा रही है। न केवल विधानसभा चुनाव बल्कि सांसद के रूप में भी जनता की पसंद जानी जा रही है। इसके अलावा पार्टी में मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री की पंसद पर भी सवाल जवाब हो रहे हैं।
कांग्रेस में दोवदार ज्यादा भाजपा की तुलना में कांग्रेस पार्टी से चुनाव लडऩे के दावेदारों की संख्या अधिक है। भाजपा के 11 में दस विधायक हैं। जिसके कारण मौजूदा विधायकों की दावेदारी स्वभाविक हैं। लेकिन यह माना जा रहा है कि मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं। जिसके कारण कुछ विधानसभा क्षेत्रों में दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है। जबकि कांग्रेस की इकलौती विधायक शकुंतला रावत हैं। जो पिछली बार मोदी लहर में बड़े अन्तर से जीती हैं। जिसके कारण बानसूर से कांग्रस के दावेदार भी कम हैं। बाकी अधिकतर विधानसभा क्षेत्रों में दावेदारों की सूची लम्बी है।
एक चेहरा बदला तो बदल जाएंगे कई प्रत्याशी जिले में बानसूर, थानागाजी, मुण्डावर विधानसभा क्षेत्र में दोनों में से किसी पार्टी ने पुरानी परम्परा बदलकर टिकट थमा दिया तो कई प्रत्याशी बदलने पड़ सकते हैं। जैसे बानसूर में भाजपा ने पहले गुर्जर समाज से प्रत्याशी मैदान में उतार दिया तो कांग्रेस के सामने मुश्किल हो सकती है। फिर यहां से चुनाव लडऩे वाले पूर्व मंत्री डॉ. रोहिताश्व शर्मा को दूसरी जगह शिफ्ट करना ही विकल्प बचता है। शर्मा केा बानसूर से थानागाजी शिफ्ट किया जाता है और पहले टिकट की घोषणा कर दी जाए तो फिर कांग्रेस के सामने मशक्कत हो सकती है। इसी तरह मुण्डावर में भाजपा ने यादव प्रत्याशी को टिकट दिया तो कांग्रेस का चेहरा बदलना स्वभाविक है। ऐसा ही बदलाव यदि कांग्रेस पहले कर देगी तो फिर भाजपा के सामने भी दिक्कत खड़ी हो सकती है। अब देखना यही है कि पहले टिकटों की घोषणा कौनसी पार्टी करती है।