राजस्थान में कम बारिश के कारण इस बार सरसों की बुवाई प्रभावित हुई है। किसानों को अब मावठ का इंतजार है।
राजस्थान में कम बरसात से सरसों की बुवाई हुई प्रभावित, किसानों को अब मावठ का इंतजार
अलवर. प्रदेश में इस साल कम बरसात होने से सरसों के बुवाई प्रभावित हुई है। किसानों और कृषि विभाग को मावठ का इंतजार है। इस वर्ष अलवर जिले में सरसों की बुवाई का लक्ष्य 2 लाख 75 हजार हेक्टेयर निर्धारित किया गया था लेकिन अभी तक 2 लाख 15 हजार हैक्टेयर में ही इसकी बुवाई हो पाई है। यदि एक सप्ताह के भीतर बरसात नहीं आई तो इस साल सरसों की बुवाई का रकबा घट सकता है। इस बारे में कृषि उप निदेशक पी.सी. मीणा कहते हैं कि बीते वर्ष सरसों की बुवाई 2 लाख 50 हजार हैक्टेयर में हुई थी जिसका कारण सर्दी की शुरुआत में ही बरसात आना था। इस बरसात के चलते सिंचाई के कम साधन वाले क्षेत्रों में बुवाई हो जाती है जिसे बाद में किसान सिंचाई करके संभाल लेते हैं। इस साल सर्दी के आगमन के बाद भी बरसात नहीं हो रही है जिसके चलते इसका रकबा घटा है। इस बार सरसों के भाव 6 हजार प्रति क्विंटल को पार करने से किसान उत्साहित है जिसे बरसात का इंतजार है। इस बरसात के आने से जिले में करोड़ों की बचत हो सकती है जो सिंचाई में खर्च होता है।गेहूं की बुवाई जारी-
कृषि उप निदेशक पी. सी. मीणा ने बताया कि अलवर जिले में गेहूं की बुवाई का लक्ष्य एक लाख 25 हजार हैक्टेयर का रखा है जिसमें अभी बुवाई चल रही है। यह बुवाई पूरे नवम्बर माह में होगी। किसान गेहूं की बजाए सरसों पर अधिक ध्यान दे रहा है।