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अलवर में अवैध खनन का मामला : पुलिसकर्मी और सरकारी कर्मचारी ने ही दी प्रशासन को चुनौती, लिखा- फिर काटेंगे पहाड़ी

locationअलवरPublished: Oct 10, 2019 04:40:44 pm

Submitted by:

Lubhavan

सामूहिक विवाह सम्मेलन के लिए एक पहाड़ी को काटकर समतल बना दिया, लेकिन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है, इस कारण लोगों के होसले बुलंद हैं।

Rajasthan Police men And Government Employee Challenges To Mining

अलवर में अवैध खनन का मामला : पुलिसकर्मी और सरकारी कर्मचारी ने ही दी प्रशासन को चुनौती, लिखा- फिर काटेंगे पहाड़ी

अलवर. सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की रोक के बाद भी कुछ लोगों ने मिलकर पहाड़ काट दिया, अब सरकार के लिए काम करने वाले लोग ही पहाड़ काटने का समर्थन कर रहे हैं। थानागाजी क्षेत्र के अंगारी गांव में गैर मुमकिन राडा (पहाड़ी) को काट समतल करने के मामले में प्रशासनिक लाचारी से दोषी लोग एवं उनके समर्थकों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम सोशल मीडिया पर प्रशासन को फिर से पहाड़ काटने जैसी घटनाओं की पुनरावृति की खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। इतना ही नहीं चुनौती देने में पुलिसकर्मी, श्रम निरीक्षक सहित अनेक लोग शामिल है। प्रभावशाली लोगों के चलते प्रशासन इस मामले के दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई से हाथ खींचे हुए है।
थानागाजी क्षेत्र के अंगारी गांव स्थित भैरू की डूंगरी को काटकर समतल करने से सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का खुला उल्लंघन हुआ। करीब एक महीने में पहाड़ी को काट समतल करने का कार्य निरंतर किया गया, इस दौरान जेसीबी, टै्रक्टर ट्रॉली व अन्य संसाधनों का खुला उपयोग किया गया, इसके बावजूद प्रशासन अब तक पहाड़ी को काटने के दोषी लोगों की पहचान में विफल रहा। जबकि एक महीने से जेसीबी से पहाड़ी की कटाई, ट्रैक्टर ट्रॉली से मलबे की ढुलाई कार्य में लाखों रुपए खर्च किए गए, लेकिन दोषियों की पहचान के नाम पर प्रशासन चुप्पी साधे है।
दोषियों के खिलाफ मामला तक दर्ज नहीं

अंगारी में अवैध तरीके से गैर मुमकिन राडा काटने का मामला उजागर होने के बाद भी प्रशासन अब तक दोषी लोगों की न तो पहचान कर पाया और न ही उनके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करा पाया। जबकि सुप्रीम कोर्ट अपने आदेश में नदी, नाला, पहाड़, राड़ा, तालाब, पोखर आदि प्राकृतिक संसाधनों के वर्ष 1954 के स्वरूप में बदलाव को गंभीर अपराध घोषित कर चुका है।
कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं

थानाधिकारी सज्जन कुमार ने बताया कि हमारे यहां पर अंगारी में पहाड़ काटने के मामले में किसी विभाग की ओर से कोई प्राथमिकी दर्ज नही करवाई गईं है।
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सोशल मीडिया पर ठोक रहे हैं ताल

एक पुलिसकर्मी ने लिखा कि भूमि हम आदिवासियों की है, हम इसे कैसा रूप दें, ये हमारी इच्छा है, किसी की जागीर नहीं। सर्व समाज का सम्मेलन वहीं होना चाहिए। एक युवक ने लिखा कि बता दो सर्वजातीय सम्मेलन अंगारी में होगा और डूंगरी पर ही होगा। एक अन्य युवक ने प्रशासन को सीधी चुनौती दी कि रोक सको तो रोक लो। श्रम विभाग में एक निरीक्षक ने भी सोशल मीडिया पर पहाड़ काटे जाने का समर्थन किया है।
कार्रवाई के नाम पर चुप्पी

पहाड़ी काट समतल करने के जैसे गंभीर मामले में राजस्व व खनन विभाग की चुप्पी का ही नतीजा है कि जिले में अवैध खनन पर रोक नहीं लग पाई है। सरिस्का बाघ परियोजना से सटे थानागाजी क्षेत्र में अनेक पहाड़ी अवैध खनन के चलते दूर से ही कटी नजर आती है। इसके बावजूद वहां अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई नगण्य है।
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