पूर्वी राजस्थान में इन दिनों यह राजनीती देखने को मिल रही है। मंगलवार को भरतपुर के बयाना में हुई किसान पंचायत में पायलट के साथ मंच पर दिग्गज नेता और पायलट के धुर समर्थक विश्वेन्द्र सिंह के साथ विधायक रमेश मीना, विश्वेंद्र सिंह, जीआर खटाना, वेदप्रकाश सोलंकी, अमरसिंह जाटव मंच पर मौजूद रहे। सभा में आने वाले नेताओं का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि इसमें गहलोत समर्थक या कांग्रेस के संगठन से जुड़े क्षेत्र के प्रमुख चेहरे अपनी दूरी बनाए रखे हुए हैं।
इधर, एक ओर किसान पंचायत के आयोजन की तैयारी चल रही है जो कांग्रेस के लिए दुविधा बढ़ाने वाली साबित होगी। राष्ट्रीय लोकदल के नेता अब भरतपुर क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं, क्योंकि विधानसभा चुनावों में भरतपुर शहर की सीट लोकदल के खाते में गई थी और पहली बार विधायक बने मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले डॉ. सुभाष गर्ग को मंत्री बनाया गया। इधर, राहुल गांधी के दौरे की तैयारियों के बीच कांग्रेस के राज्य के वरिष्ठ नेता पायलट के इस दौरे पर नजर बनाए हुए हैं।
पूर्वी राजस्थान में राजनीती परवान पर पायलट की इन किसान पंचायत के साथ ही भाजपा के लिए भी पूर्वी राजस्थान पर निगाह रखना जरूरी हो गया है। धड़ों में बंटी दिख रही राज्य भाजपा की प्रमुख नेता वसुंधरा राजे की यात्रा की तैयारियां भी इसी अंचल से हो रही हैं। वसुंधरा के समर्थक पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा ने पुष्टि की है कि आगामी 8 मार्च को राजे के जन्मदिन पर विशेष आयोजन होगा। उस दिन संभवतः भरतपुर से सटे गोवर्धन में राजे पूजा करेंगी और इसके बाद उनका काफिला जयपुर पहुंचेगा।
पायलट के आयोजनों को भी राजनीतिक पंडित एक तरह का शक्ति प्रदर्शन बता रहे हैं। ऐसे में राजस्थान के पूर्वांचल की राजनीती दोनों पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण हो गई है।