इस नियम से प्रदेश के बाहर के युवा शिक्षक की नौकरी पाने में सफल हो रहे हैं जबकि यहां के युवा पीछे रह जाते हैं। प्रदेश के कई राज्यों में युवाओं के स्नातक में अंक प्रतिशत राजस्थान के युवाओं के प्रतिशत से बहुत अधिक रहता है। इसी प्रकार 5 वर्ष पहले तक राजस्थान में स्नातक में उत्तीर्ण होने का प्रतिशत बहुत कम रहता है जो अब कुछ बढ़ा है। इसके कारण राजस्थान में अन्य राज्यों से यहां आकर प्रतियोगी परीक्षाएं देकर नौकरी पाने वालों का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है। इस बार हुई रीट परीक्षा में ढाई लाख परीक्षार्थी अन्य राज्यों के बैठे थे। पिछली बार हुई शिक्षक भर्ती में बाहर के प्रदेशों के युवाओं का नौकरी पाने वालों की संख्या 5 हजार से अधिक थी।
यह कहते हैं युवा एकीकृत बेरोजगार महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव के नेतृत्व में प्रदेश स्तर पर एक आंदोलन चलाया गया है जिसमें सरकार से रीट परीक्षा में स्नातक के प्राप्तकों का प्रतिशत 30 प्रतिशत की बजाए 10 प्रतिशत करने की मांग की है। इसी प्रकार महासंघ बाहर के युवाओं का नौकरियों में 5 प्रतिशत तक सीमित करने की मांग कर रहे हैं। इस मामले में सरकार नए नियम बनाने की बात कह रही है। इसके लिए प्रदेश में कई जगह आंदोलन भी हुए हैं।
युवा मुकेश मीणा का कहना है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में बाहरी राज्यो ं के युवाओं का नौकरियों में 5 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं होना चाहिए। जिससे स्थानीय युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार ? मिल सके। सरकार ने शिक्षकों की 55 हजार पदों की भर्ती निकाली है जिनको लेकर अब भी नियम बनाए जा सकते हैं। इस समय बाहरी प्रदेश के युवा सरकारी नौकरी में 50 प्रतिशत तक कोटा पा सकते हैं जो बहुत अधिक है।